हेमकुंड साहिब और लक्ष्मण लोकपाल मंदिर के कपाट हुऐ बंद

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हरिद्वार,हेमकुंड साहिब में स्थित लक्ष्मण लोकपाल मंदिर के कपाट बृहस्पतिवार को सुबह 10 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने से पहले पुजारी भगवती पांडे ने मंदिर में कई पूजाएं संपन्न कीं। भ्यूंडार गांव से पहुंचे भक्तगणों ने लक्ष्मण मंदिर में पूजा-पाठ किया।

मिलि जानकारी अनुसार दोपहर एक बजे कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। पुणे के सुरिंदरपाल सिंह और उनके जत्थे ने दरबार साहिब में वर्ष का अंतिम कीर्तन किया। गढ़वाल स्काउट और पंजाब के बैंड भी मौजूद रहे। गुरुद्वारा के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने बताया कि कपाट बंद होने के दौरान 2,500 से अधिक श्रद्धालु मौजूद रहे। कहा कि इस साल दो लाख 37 हजार श्रद्धालु पहुंचे। जो कि पिछले साल से ज्यादा है।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को चमोली में स्थित पवित्र तीर्थस्थल श्री हेमकुंड साहिब पहुंचे। उन्होंने गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब में मत्था टेका और प्रदेश की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की।
राज्यपाल के हेमकुंड साहिब पहुंचने पर हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा, गुरुद्वारा प्रबंधक सेवा सिंह एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों ने राज्यपाल का स्वागत किया।

हेमकुंड साहिब की खोज अमृतसर पंजाब के पत्रकार पंडित तारा सिंह नरोत्तम ने 1886 में की थी। तब उन्होंने गुरूवाणी के दसम ग्रंथ में लिखित हेमकुंंड पर्वत है जहां, सप्तश्रंख शोबत है तहां, के आधार पर इस स्थान को खोज कर इसे गुरू की तपस्थली बताते हुए देश दुनिया के सामने विचार रखे थे। दशम ग्रंथ में लिखा है कि गुरू गोविंद सिंह ने अपने पूर्व जन्म में हेमकुंड साहिब में दुष्टदमन के रूप में कठोर तपस्या की थी। इसके बाद 1934 में बंगाल इंजीनियरिंग के हवलदार मोदन सिंह के साथ टिहरी राजदरबार में मुख्य ग्रंथी संत सोहन सिंह से मिलकर हेमकुंड पहुंकर यहां पर पूजा अरदास शुरू कराई। इसके बाद से ग्रीष्मकाल में हमेशा यहां की यात्रा सुचारू रही। 1992 में हेमकुंड गुरूद्वारा का भव्‍य निर्माण हुआ।

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