हरिद्वार, आरबीआई (RBI) ने लगातार छठी बार ब्याज दरों (Repo rate) में बढ़ोतरी की है। आरबीआई ने आज यानी 8 फरवरी 2023 को मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया आज रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया।
मिली जानकारी अनुसार बुधवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट या 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) कर इन्हें एक और झटका दिया है. बीते साल मई 2022 से अब तक लगातार छह बार रेपो रेट में इजाफा किया जा चुका है और इस अवधि में ये कुल 2.50 की बढ़ चुका है. फिलहाल, रेपो रेट 6.50 फीसदी पर पहुंच गया है. इसके बढ़ने के साथ ही सभी तरह के होम, ऑटो, पर्सनल सभी तरह के लोन महंगे (Loan) हुए हैं और लोगों को ज्यादा ईएमआई (EMI) भरनी पड़ रही हैं
किसी व्यक्ति ने अप्रैल महीने से पहले किसी बैंक से 10 लाख रुपये का लोन 10 वर्षों के लिए 7.2% की ब्याज दर पर लिया था। ईएमआई कैलकुलेटर की गणना के अनुसार उसे प्रति माह 11714 रुपये का ईएमआई चुकाना पड़ता था। इस तरह उसे 10 वर्षों में 11714 रुपये प्रति माह की दर से 120 महीनों (10) में 120×11714= 14,05,680 रुपये की राशि चुकानी पड़ती।
इससे पता चलता है कि उसे 10 लाख के लोन के बदले 14,05,703 रुपये चुकाने पड़ते मतलब उसे 14,05,680-10,00,000= 4,05,680 रुपये ब्याज के तौर पर और 10 लाख रुपये मूलधन के रूप में चुकाने पड़ते। बीते साल मई में इसमें .40%, जून में .50%, अगस्त में .50%, सितंबर में .50% और दिसंबर में .35% की बढ़ोतरी की गई थी. वहीं इस साल 2023 की पहली एमपीसी बैठक के बाद एक बार फिर से रेपो रेट को .25% बढ़ाने का फैसला किया गया है.
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास का मानना है कि आने वाले सीजन में इकोनॉमी और महंगाई के लिए कुछ अच्छे संकेत हैं. इससे इशारा मिल रहा है कि आने वाली मॉनटरी पॉलिसी में ब्याज दरों को स्थिर रखा जा सकता है. साथ ही अगर अगली दो तिमाही ठीक रहती हैं तो ब्याज दरों को नीचे भी लाया जा सकता है. आरबीआई का मानना है कि खुदरा महंगाई दर में कमी आएगी. उन्होंने अगले वित्त वर्ष में महंगाई दर 5.3 फीसदी के करीब लाने का लक्ष्य है. अगर ऐसा हुआ आने वाले महीनों में EMI में कुछ राहत संभव है.