श्रीराम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भव्य राम मंदिर की नींव रख सकते हैं। खबर के मुताबिक पीएम मोदी के हाथों भूमि पूजन होना है। इसलिए लगभग 40 किलो वजन की एक चांदी की ईट तैैयार कराई गई हैै जिसेे नींव में रखा जाना है। राम जन्मभूमि ट्रस्ट की बैठक में तारीखों का चयन हो गया है। शनिवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अयोध्या स्थित सर्किट हाउस में हुई बैठक में मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन 3 या 5 अगस्त को कराने का सुझाव आया था। भूमि पूजन प्रधानमंत्री मोदी के हाथों कराने के लिए ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया है। शनिवार को लगभग तीन घंटे चली बैठक के बाद प्रस्तावित तिथियां पीएमओ को भेज दी गई थीं। अभी वहां से अधिकृत कार्यक्रम नहीं आया है लेकिन भूमि पूजन के लिए 5 अगस्त की तारीख फाइनल मानकर यहां तैयारियां जोरों पर हैं।
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी राम मंदिर भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए करीब दो घंटे तक अयोध्या में रुक सकते हैं। सुबह 8 बजे पूजा पाठ की शुरुआत हो जाएगी। पीएम मोदी सुबह 11 बजे अयोध्या पहुंच सकते हैं और वह वहां दोपहर एक बजे तक रहेंगे।
सूत्रों के अनुसार राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में PM मोदी के अलावा आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित करीब दो सौ हस्तियाँ शामिल हो सकती हैं। कार्यक्रम के लिए लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को भी आमंत्रित किया जाएगा
जानकारी के अनुसार पेजावर मठ के स्वामी विश्वप्रसन्न तीर्थ ने कहा है कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक बड़े पैमाने पर राष्ट्रव्यापी धन संग्रह अभियान चलाने का फैसला किया है। न्यास के सदस्यों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद जारी एक वीडियो संदेश में उन्होंने यह कहा। उनके मुताबिक मंदिर निर्माण की अनुमानित लागत 300 करोड़ रूपये है जबकि मंदिर परिसर के इर्दगिर्द 20 एकड़ की भूमि के विकास के लिए 1,000 करोड़ रूपये की आवश्यकता होगी।
सूत्रों के मुताबिक राम मंदिर के डिजाइन को थोड़ा और विस्तार देने का फैसला किया गया है। इसके तहत मंदिर अब दो की बजाय तीन मंजिला होगा और इसमें गुंबद की संख्या भी तीन से बढ़ाकर 5 कर दी गई है। मंदिर की धरातल से ऊंचाई 128 फुट से बढ़ाकर 161 फुट कर दी गई है। संतों और ट्रस्ट की इच्छा के अनुसार यह बदलाव किए गए हैं।
मंदिर में सीता की रसोई के स्थान पर मां सीता के मंदिर का निर्माण किया जाएगा। मंदिर के लिए अभी तक 80 हजार घन फुट पत्थर तरासा जा चुका है और अभी इतना ही और पत्थर तराशा जाएगा।