हरिद्वार ,रोहन कुमार की रिपोट : धर्म नगरी की मान मर्यादा बचाने के लिए समाज सेवक हिमांशु राजपूत ने जिला अधिकारी के द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है उन्होंने कहा है कि हरिद्वार धर्म नगरी लाखों करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। धर्म नगरी में गंदे और घिनौना काम हो रहे हैं। हरिद्वार में आ रहे तीर्थ यात्री जब रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते हैं। तो उनका स्वागत वेश्यावृत्ति द्वारा अश्लील हरकतें छीटा कशी द्वारा किया जाता है। जिससे तीर्थ यात्रियों की भावनाएं आहत होती हैं। इससे विश्व स्तर पर देवभूमि की छवी धूमिल होती है हिमांशु राजपूत ने बताया कि हरिद्वार बस अड्डे से लेकर वाल्मीकि चौक ललतारा पुल तक खुलेआम वेश्यावृत्ति हो रही है। और शाम ढलने के बाद हमारी बहन बेटी उसी रास्ते से जाते हुए अपने आप को असुरक्षित महसूस करती है। क्योंकि वहां पर लोग गलत गलत इशारे करते हैं। प्रधानमंत्री बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ तथा नारी सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करते है। वहीं दूसरी तरफ बहन बेटी अपने आप को असहाय महसूस करती है। जिला प्रशासन द्वारा इस पर तुरंत संज्ञान लिया जाए। और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करी जाए।
तीर्थ स्थल हर की पौड़ी हरिद्वार धर्मानगरी के अंदर बायोलॉज तैयार हुआ था। उस बायोलॉज में दर्शाया गया था। की गैर हिंदू सूर्यास्त के बाद ना व्यवसाय कर सकते और ना ही निवास कर सकते हैं। जबकि सारा कार्य इसके विपरीत है। हर की पौड़ी जैसे क्षेत्र में रोहिंग्या मुसलमान ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण कर रखा है। और कुछ गैर हिंदू हर की पौड़ी जैसे पवित्र स्थल के आसपास सूर्य अस्त के बाद भी निवास तथा व्यापार करते हैं। बायोलॉज के अंदर गैर हिंदुओं के धार्मिक स्थल भी बने हुए हैं। आपसे निवेदन है। जिला प्रशासन अपने संज्ञान में लेकर सख्त से सख्त कार्रवाई करें।
हिमांशु ने हरिद्वार के व्यापारियों के लिए भी आवाज़ उठाई कहा की हरिद्वार में जो कॉरिडोर और पॉड गाड़ी रूट तैयार हो रहा है। इसकी डीपीआर प्रभावित क्षेत्र के व्यापार मंडल के इकाइयों से सहमति बनाकर तैयार किया जाए। क्योंकि प्रभावित क्षेत्रों में जो लोग अपना व्यवसाय चला रहे हैं। और जो लोग निवास कर रहे हैं। कॉरिडोर बनने से उनका व्यवसाय और उनके निवास क्षतिग्रस्त हो रहा है। इसलिए व्यापारियों के सहमति से कॉरिडोर का डीपीआर तैयार किया जाए। ताकि किसी तरह का किसी व्यापारी का हानि ना हो। और पॉड टैक्सी रूट को भी व्यापारियों के सहमति से तैयार किया जाए।
गंगा के किनारे बने बड़े छोटे धर्मशाला या होटल एनजीटी के नियमों के विरुद्ध है। और होटल और धर्मशालाओं का सीवर गंगा के अंदर गिरता है। जिससे हमारी मां गंगा अपवित्र होती है। वह गंगा जिसमें हमारे विश्व विख्यात तीर्थ यात्री डुबकी लगाने आते हैं। और गंगाजल का आम आचरण करते हैं। जिससे हमारी धार्मिक आस्था आहत होती है। जिला अधिकारी के द्वारा तुरंत संज्ञान लिया जाए और जल्द से जल्द और एनजीटी के आदेशों का उचित पालन कराया जाए।
मेरे द्वारा दिए गए इस ज्ञापन पर जल्द से जल्द अगर कोई कार्यवाही नहीं होती है तो मुख्यमंत्री हरिद्वार दौरे के समय आपकी उपस्थिति में मैं आत्मदाह करूंगा। पत्र देते समय उपस्थित रहे सुभम भारद्वाज, अजय जोशी, अनुभव चौहान, कुलदीप राजपूत, अंकित कुमार, पवन परासर, भनेश्वर गौड़, शांति, ममता, सुभम भारद्वाज।