पंडित राजेश अग्निहोत्री भागवताचार्य ने बताया वृक्षों का महत्व

0
33

हरिद्वार, पंडित राजेश अग्निहोत्री भागवताचार्य ने बताया वृक्षों का महत्व 10 कुॅंओं के बराबर एक बावड़ी,10 बावड़ियों के बराबर एक तालाब ,10 तालाब के बराबर 1 पुत्र एवं 10 पुत्रों के बराबर एक वृक्ष है। ( मत्स्य पुराण )। जीवन में लगाये गये वृक्ष अगले जन्म में संतान के रूप में प्राप्त होते हैं। (विष्णु धर्मसूत्र 19/4)।जो व्यक्ति पीपल अथवा नीम अथवा बरगद का एक, चिंचिड़ी (इमली) के 10, कपित्थ अथवा बिल्व अथवा ऑंवले के तीन और आम के पांच पेड़ लगाता है, वह सब पापों से मुक्त हो जाता है। ( भविष्य पुराण)। पौधारोपण करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
शास्त्रों के अनुसार पीपल का पेड़ लगाने से संतान लाभ होता है। पाकड़ का वृक्ष लगाने से उत्तम ज्ञान प्राप्त होता है।बिल्वपत्र का वृक्ष लगाने से व्यक्ति दीर्घायु होता है। वट वृक्ष लगाने से मोक्ष मिलता है।
आम वृक्ष लगाने से कामना सिद्ध होती है। कदम्ब का वृक्षारोपण करने से विपुल लक्ष्मी की प्राप्त होती है। प्राचीन भारतीय चिकित्सा- पद्धति के अनुसार पृथ्वी पर ऐसी कोई भी वनस्पति नहीं है जो औषधि न हो।

स्कंद पुराण में एक सुंदर श्लोक है-

अश्वत्थमेकम् पिचुमन्दमेकम्
न्यग्रोधमेकम् दश चिञ्चिणीकान्।
कपित्थबिल्वाऽऽमलकत्रयञ्च पञ्चाऽऽम्रमुप्त्वा नरकन्न पश्येत्।।
अश्वत्थः = पीपल (100% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है) पिचुमन्दः = नीम (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
न्यग्रोधः = वटवृक्ष (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)चिञ्चिणी = इमली (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
कपित्थः = कविट (80% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)बिल्वः = बेल (85% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
आमलकः = आँवला (74% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)
आम्रः = आम (70% कार्बन डाइऑक्साइड सोखता है)अर्थात् जो कोई इन वृक्षों के पौधों का रोपण करेगा उसे नरक में नहीं जाना पड़ेगा।
????????????????

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here