हरिद्वार,मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कैंप कार्यालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा की. जिसमें सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्कूलों में बच्चों को पाठ्यक्रम में श्रीमद्भागवत गीता की पढ़ाई कराई जाए.
शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों के लिए अगले 10 सालों के स्पष्ट प्लान पर किया जाए कार्य ।बरसात शुरू होने से पहले राज्य के सभी स्कूलों का निरीक्षण किया जाए।प्रत्येक जनपद में प्रथम चरण में कलस्टर विद्यालय में बनाये जायेंगे एक-एक आवसीय हॉस्टल।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्कूलों में बच्चों को पाठ्यचर्या में श्रीमद् भगवत गीता का अध्ययन भी कराया जाए। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार का अगले 10 सालों के स्पष्ट प्लान पर कार्य किया जाए। शिक्षा विभाग द्वारा दिसम्बर 2026 तक शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों का रजतोत्सव कलेण्डर बनाया जाए। बरसात शुरू होने से पहले राज्य के सभी स्कूलों का निरीक्षण किया जाए और स्कूल के रास्तों और पुलों की स्थिति के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं को भी देखा जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हर साल बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें समय पर देने के निर्देश दिए। वहीं, विभाग में तबादला प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता रहे, इसके लिए सभी पहलुओं का गहनता से अध्ययन कर प्रस्ताव बनाने को कहा। जनपद, मंडल और राज्य स्तरीय कैडर में सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाए। स्कूलों में एनसीसी और एनएसएस को बढ़ावा दिया जाए। जिन स्कूलों में अभी इनकी सुविधा नहीं हैं, स्कूलों का चयन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा, राज्य में शिक्षा व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों से सीएसआर फंड के तहत सहयोग के लिए अनुरोध किया जाए।बच्चों की सुरक्षा में लापरवाही पर होगी सख्त कार्रवाईमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। बच्चों की सुरक्षा से संबंधित किसी भी मामले में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में छात्रों की क्षमता के अनुसार पूर्ण उपलब्धता हो, इसके लिए प्रतीक्षा सूची भी बनाई जाए। बच्चों को नैतिक शिक्षा, पर्यावरणीय शिक्षा, राज्य की सांस्कृतिक विरासत, महानुभावों का उल्लेख, क्षेत्रीय आवश्यकताओं के हिसाब से कौशल विकास, स्वास्थ्य शिक्षा, लोककथा, लोक साहित्य, संगीत और कला को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना, महानिदेशक झरना कमठान, अपर सचिव बेसिक शिक्षा एमएम. सेमवाल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती, बेसिक शिक्षा निदेशक अजय नौडियाड आदि मौजूद रहे।