सहारनपुर। राधा विहार स्थित महाशक्ति पीठ वैष्णवी महाकाली मंदिर में शारदीय नवरात्र पूजा में मां ब्रह्मचारिणी पूजा अवसर पर स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा मां ब्रह्मचारिणी आत्मिक बल एवं ब्रह्म तेज प्रदान करती है। श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के तत्वाधान में आयोजित शारदीय नवरात्र महोत्सव में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि वत की गई, मां भगवती की अष्टधातु मूर्ति का पंचामृत से महा स्नान किया गया और दुर्गा सहस्त्रनाम स्त्रोत से मां भगवती का अभिषेक किया गया मां भगवती का श्रंगार कर भोग अर्पण किया गया और आरती उतारी गई। मां भगवती ब्रह्मचारिणी की महिमा का वर्णन करते हुए स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने कहा कि मां पार्वती शिव प्राप्ती के लिए कठोर तप करती है यही अवस्था ब्रह्मचारिणी रूप कहलाता है। जिसमें मां के एक हाथ में माला दूसरे हाथ में कमंडल है और मां भगवती का वेश सन्यासिनी भक्ति जैसा है। उन्होंने बताया मां भगवती आदिशक्ति निरंतर ब्रह्म भाव को धारण कर अपने भक्तों को ब्रह्म तेज प्रदान करती हैं और आत्म बल बढ़ाती हैं इसीलिए भी उन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया है, प्रत्येक व्यक्ति को मां भगवती के इस चरित्र से यही शिक्षा लेनी चाहिए। जीवन को भगवती की भक्ति में लगाकर निरंतर सन्यासियों की तरह अपने जीवन को जीना चाहिए। जिससे आत्मा भाव संतुलित होकर माया विकार से अलग रहकर भगवती भक्ति में रमण करें और अंत में भगवती के दर्शन कर मोक्ष की प्राप्ति करें। महाराज श्री ने कहा मां आदिशक्ति ब्रह्मचारिणी ही जीवन को संतुलन प्रदान करती है और मां को एकाग्रचित अवस्था में ले जाकर ब्रह्म भाव में रमण करने का मार्ग प्रदान करती है, जो जीवन के लिए आवश्यक है और कल्याणकारी है इसी आधार में जीव का मोक्ष हो जाता है। इस अवसर पर रमेश चंद्र शर्मा, राजेंद्र धीमान, सागर गुप्ता, शुभम कंबोज, अश्वनी कंबोज, बबीता, सुचेता, राजबाला, कमला, करुणा, रेखा, सीमा आदि रहे।
रिपोर्ट। रमन गुप्ता
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