उत्तराखंड,राज्य लोकसेवा आयोग ने प्रधानाचार्य पद पर भर्ती को किया रद्द

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हरिद्वार,उत्तराखंड सरकार ने प्रधानाचार्य सीधी भर्ती को फिलहाल निरस्त कर दिया है। गुरुवार को शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने इस संबंध में लोक सेवा आयोग को पिछले साल भेजा गया अधियाचन वापस मांग लिया है। अधियाचन वापस मांगने के पीछे शिक्षकों के विरोध के साथ सुप्रीम कोर्ट के हाल ही मे दिए गए उस फैसले को भी वजह बताया जा रहा है, जिसमें एलटी शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य कर दिया गया है। इस मामले के सामने आने के बाद 15 अक्तूबर को भी सचिव ने लोक सेवा आयोग को पत्र भेजा था।

शिक्षा सचिव ने गुरुवार को आयोग को दोबारा भेजे गए पत्र में कहा कि यह विषय अभी सरकार के विचाराधीन है। ऐसे में पूर्व में इन पदों पर भर्ती के लिए भेजा गया अधियाचन वापस कर दिया जाए। इस भर्ती के संबंध में सरकार भविष्य में जो भी निर्णय लेगी, उससे आयोग को अवगत करा दिया जाएगा। इसके साथ ही भर्ती पर लंबे समय से जारी ऊहापोह भी खत्म हो गई है।

इस संबंध में राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव आलोक पांडेय ने शिक्षा सचिव को पत्र भेजा है। बता दें कि प्रदेश के राजकीय इंटरमीडिट काॅलेजों में प्रधानाचार्य के 1385 पदों में से 1184 पद रिक्त हैं। सरकार ने इन पदों को भरने के लिए 50 प्रतिशत पदों पर प्रधानाचार्य सीमित विभागीय परीक्षा कराने का फैसला किया था।राजकीय शिक्षक संघ ने रैली स्थगित कीराजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान व महामंत्री रमेश चंद्र पैन्यूली ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया कि शनिवार को मांगों को लेकर शिक्षा मंत्री आवास कूच स्थगित कर दिया गया है। नौ अक्तूबर को संगठन से वार्ता हुई थी, उस वार्ता के क्रम में 34 सूत्रीय मांगपत्र पर कार्यवाही नहीं होती है तो फिर से आंदोलन होगा।

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