हरिद्वार, उत्तराखंड में अब हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। धामी सरकार के कार्मिक सचिव ने अधिसूचना जारी करते हुए बताया कि अगले 6 महीने के लिए राज्य सेवाओं में छह महीने के लिए हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक तरह से प्रदेश में एस्मा एक्ट लागू हो गया है।
प्रदेश में इस समय उपनल कर्मचारियों की हड़ताल से कई विभागों में कामकाज बुरी तरह प्रभावित है। उधर, मांगों को लेकर कई संगठन आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच बुधवार को सरकार ने उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम, 1966 (उत्तराखंड राज्य में यथा प्रवृत्त)(एस्मा) की धारा-3 की उपधारा (1) के अधीन छह माह के लिए राज्याधीन सेवाओं में हड़ताल पर प्रतिबंध लगा दिया है। सचिव कार्मिक शैलेश बगोली ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।दूसरी ओर, बुधवार को सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी ने उपनल के प्रबंध निदेशक को एक पत्र भेजा है। इसमें उनहोंने कहा है कि विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स उपनल कार्मिक, जो अपने कार्यालय से अनुपस्थित हैं, उनका चिह्नित करते हुए संबंधित विभागों, निगमों, संस्थाओं की ओर से अनुपस्थिति लगाई जाए। नो वर्क-नो पे का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। यानी जो उपनल कर्मचारी दफ्तर नहीं पहुंचेंगे, उनका मानदेय कटेगा।














