उत्तराखंड में मिला 161 विस्फोटक पदार्थ पुलिस ने डाला डेरा

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हरिद्वार, दिल्ली बम कांड के बाद अब उत्तराखंड के अल्मोड़ा में स्कूल के पास झाड़ियां में मिला 161 विस्फोटक पदार्थ जिसकी सूचना स्कूल के प्रिंसिपल ने पुलिस को दी तलाशी अभियान में ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों की बीडीएस टीम और डॉग स्क्वॉड भी शामिल हुई. डॉग मौली और रैम्बो की मदद से विस्तृत तलाशी की गई. पहली जगह से कुछ पैकेट और लगभग 15-20 फीट आगे दूसरी जगह से और पैकेट बरामद हुए.

पूरे अभियान की वीडियोग्राफी ई-साक्ष्य ऐप के माध्यम से की गई और मौके पर ही बरामदगी की फर्द तैयार की गई। पुलिस ने इस संबंध में धारा 4(क) विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 एवं 288 बीएनएस में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। विस्फोटक सामग्री स्कूल परिसर तक कैसे पहुंची, किसने और क्यों यहां छिपाई, यह बड़ा सवाल है।स्कूल परिसर की झाड़ियों में विस्फोटक मिला है। किसने रखा, जांंच की जा रही है। जल्द ही खुलासा किया जाएगा।

जिलेटिन की छड़ें आमतौर पर विस्फोटक सामग्री के रूप में इस्तेमाल होती हैं. ये मुख्य रूप से खनन, सड़क निर्माण, सुरंग बनाने और पत्थर तोड़ने जैसे कार्यों में नियंत्रित विस्फोट के लिए उपयोग की जाती हैं. जिलेटिन स्टिक में नाइट्रोग्लिसरीन और अन्य रसायन होते हैं, जो इसे शक्तिशाली विस्फोटक बनाते हैं. इसे डेटोनेटर और फ्यूज के साथ जोड़कर विस्फोट किया जाता है. यह अत्यधिक खतरनाक होती है और गलत तरीके से संभालने पर बड़ा हादसा हो सकता है.जिलेटिन रखना गैरकानूनीबिना लाइसेंस या अनुमति के जिलेटिन स्टिक रखना गैरकानूनी है.

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