सहारनपुर। नवंबर का महीना खत्म होने पर है और सर्दी ने लोगों पर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। अस्पताल की ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में बड़ी संख्या में बीपी बढ़ने और हार्ट अटैक की शिकायत के मरीज पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार सर्दी में लापरवाही करना रक्तचाप और दिल के मरीजों पर भारी पड़ सकता है।
महानगर के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. संजीव मिगलानी ने बताया कि सर्दियों में शरीर में केटीकोलामिन का रिसाव बढ़ जाता है, जो ब्लड प्रेशर यानी रक्तचाप को प्रभावित करता है। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से ब्रेन हैमरेज और हार्टअटैक का खतरा रहता है। ब्लड प्रेशर या दिल के मरीजों के लिए सर्दियों में सुबह चार बजे से 10 बजे तक का समय सबसे खतरनाक रहता है, क्योंकि यही वह समय है जब केटीकोलामिन का रिसाव सबसे अधिक रहता है। दिल के मरीजों को कोहरे में बाहर निकलने से बचना चाहिए, साथ ही अपनी मर्जी से दवा घटानी या बढ़ानी और छोड़नी नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्लड प्रेशर के मरीजों को अपने ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना चाहिए, क्योंकि इसके गड़बड़ाने की वजह से भी कई बार मरीज की जान खतरे में पड़ जाती है। उनका कहना है कि भारत में हर पांचवां व्यक्ति ब्लड प्रेशर का शिकार है।
इन लोगों को अधिक खतरा
-धूम्रपान करने वालों और अधिक शराब पीने वालों को।
-अधिक नमक खाने वालों और मोटे लोगों को।
–डायबिटीज के मरीजों को।
उच्च रक्तचाप के मरीज इनसे बचें
हाई बीपी के नुकसान
. एंजाइना, हार्टअटैक आना या हार्टफेल होना, हार्ट का फैल जाना या अचानक से धड़कन रुक जाना।
-दिमाग की नस बंद होना, नस का फट जाना या फिर अधरंग और पैरालिसिस का होना।
-छाती के दर्द के साथ पसीना आना और सांस फूलना।
दिल के मरीज यह खाएं
- हरी पत्तेदार सब्जियां, सलाद और ताजे फल।
- साबूत और छिलके वाली दालें।
- ब्राउन ब्रेड या ब्राउन राइस।
- गेहूं के आटे के साथ चना और जौ का आटा मिलाकर रोटी खाएं।
रिपोर्ट। रमन गुप्ता














