उत्तराखंड बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद

0
10

उत्तराखंड के बद्रीनाथ धाम के कपाट मंगलवार को बंद होने के साथ इस साल की चारधाम यात्रा समाप्त हुई. भारी श्रद्धालु संख्या के बीच अंतिम पूजा रावल अमरनाथ नमबूदरी ने की. यात्रा में कुल 51 लाख श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. अन्य धामों के कपाट पहले ही बंद किए जा चुके थे. यात्रा राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.

आज मंगलवार को 2 बजकर 56 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान जय बदरीविशाल की जयकारों से धाम गूंज उठा। हजारों श्रद्धालु कपाट बंद होने के मौके पर मौजूद रहे। मंदिर को करीब दस क्विंटल फूलों से सजाया गया है। 21 नवंबर से बदरीनाथ धाम में पंच पूजाएं शुरू हो गई थीं। गणेश मंदिर, आदि केदारेश्वर व आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी स्थल के कपाट बंद होने के बाद मंदिर में वेद ऋचाओं का वाचन भी बंद हो गया है। सोमवार को माता लक्ष्मी मंदिर में विशेष पूजाएं आयोजित की गईं।रावल (मुख्य पुजारी) ने माता लक्ष्मी मंदिर में जाकर उन्हें बदरीनाथ गर्भगृह में विराजमान होने के लिए आमंत्रण दिया। बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के बाद छह माह तक माता लक्ष्मी मंदिर परिक्रमा स्थल पर स्थित मंदिर में विराजमान रहती हैं।

अब शीतकाल के लिए 25 नवंबर को दोपहर दो बजकर 56 मिनट पर बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के मौके पर बदरीनाथ मंदिर को करीब दस क्विंटल फूलों से सजाया गया है। कपाट बंद होने के मौके पर बदरीनाथ मंदिर में हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here