उत्तराखंड,मनरेगा श्रमिकों को भी मिलेगा कर्मकार बोर्ड का लाभ, सीएम ने किया पंजीकरण का शुभारंभ

0
11

हरिद्वार,मंगलवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आनलाइन माध्यम से पंजीकरण का विधिवत शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस पंजीकरण से मनरेगा श्रमिकों को उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निकार कर्मकार कल्याण बोर्ड की समस्त सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास को केंद्र में रखते हुए कार्य कर रही है। मंगलवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऑनलाइन माध्यम से पंजीकरण का विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस पंजीकरण से मनरेगा श्रमिकों को उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निकार कर्मकार कल्याण बोर्ड की समस्त सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से राज्य सरकार भी समाज के अंतिम व्यक्ति को स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हुए, उन्हें हर तरह से सक्षम बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मनरेगा के तहत 16.3 लाख श्रमिक पंजीकृत हैं, जिसमें से 9.5 लाख श्रमिक एक्टिव हैं, इसमें से वर्ष में न्यूनतम 90 दिन काम करने वाले श्रमिक अब उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निकार कर्मकार कल्याण बोर्ड की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 5.35 लाख है, मनरेगा श्रमिकों के योजना से जुड़ने पर बोर्ड की सेवाओं का लाभ लाखों अन्य श्रमिकों तक पहुंच सकेगा। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में जहां श्रमिकों का कल्याण हो वहीं उद्योगों और निवेशकों को भी प्रोत्साहन दिया जाए। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में सकारात्मक वातावरण बनाया जाना जरूरी है

उन्होंने कहा कि वर्तमान में बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों की संख्या 5.35 लाख है, मनरेगा श्रमिकों के योजना से जुड़ने पर बोर्ड की सेवाओं का लाभ लाखों अन्य श्रमिकों तक पहुंच सकेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में जहां श्रमिकों का कल्याण हो वहीं उद्योगों और निवेशकों को भी प्रोत्साहन दिया जाए। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में सकारात्मक वातावरण बनाया जाना जरूरी है।उन्होंने कहा कि अकेले खनन क्षेत्र लाखों लोगों को कई तरह से रोजगार देता है, पहले खनन को लेकर नकारात्मक धारणा रहती थी, लेकिन सरकार ने पारदर्शी नीतियों ने इस धारणा को तोड़ने का काम किया है, यही कारण है कि पहले खनन राजस्व सिर्फ 400 करोड़ रुपये का था जो अब बढ़कर 12 सौ करोड़ रुपये पहुंच गया है। खनन क्षेत्र में किए गए सुधारों को देखते हुए केंद्र सरकार भी राज्य को 200 करोड़ रुपए की सहायता प्रदान कर चुकी है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईज आफ डूइंग बिजनेस पर विशेष जोर देते हैं, इसी क्रम में सरकार उद्योगों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम जैसी सुविधा दे रही है। सरकार का प्रयास है कि निवेशकों को अनावश्यक औपचारिकताओं में ना उलझाया जाए।इस मौके पर सचिव श्रीधर बाबू अदांकी ने बताया कि श्रम विभाग ओर ग्राम्य विकास विभाग के संयुक्त प्रयासों से इस योजना को संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में श्रमिकों का पंजीकरण आनलाइन पोर्टल पर किया जा रहा है, अब विकास खंड स्तर पर मनरेगा श्रमिकों का पोर्टल पर पंजीकरण किया जाएगा।संचालन करते हुए श्रमायुक्त पीसी दुम्का ने कहा कि अब मनरेगा श्रमिक, बोर्ड में पंजीकृत अन्य श्रमिकों की तरह स्वास्थय सहायता, दो बच्चों की शिक्षा, दो बेटियों की शादी और श्रमिक की मृत्यु पर मिलने वाली सहायता के साथ ही अन्य योजनाओं के लाभ ले सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here