हरिद्वार,देहरादून में मेट्रो रेल का प्रस्ताव पहले ही खारिज हो चुका है। अब केंद्र ने मेट्रो के बाद नियो मेट्रो के प्रस्ताव को भी तकनीकी रूप से खारिज कर दिया है। केंद्र के इस फैसले की जानकारी आवास विकास विभाग की ओर से उत्तराखंड कैबिनेट में दी गई। अब दून, हरिद्वार, ऋषिकेश में एलिवेटेड बस कॉरिडोर के प्रस्ताव को आगे बढ़ाया जाएगा।
दून में मेट्रो का प्रस्ताव जनसंख्या मानकों के कारण खारिज हुआ। इसके बाद मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की ओर से नियो मेट्रो की प्लानिंग की गई। अब तकनीकी रूप से केंद्र ने नियो मेट्रो के प्रस्ताव को भी खारिज किया है। केंद्र सरकार ने साफ किया कि इन दोनों प्रस्तावों के अलावा दूसरे विकल्पों पर काम किया जाए। साथ ही, राज्य सरकार पीपीपी मोड के साथ ही अपने संसाधनों के जरिए दूसरे विकल्पों पर आगे बढ़े।
प्रमुख सचिव डॉ. आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बुधवार को कैबिनेट के समक्ष केंद्र के फैसले की जानकारी दी। इसके साथ ही यह बताया गया कि अब एलिवेटेड बस कॉरिडोर के विकल्प पर आगे बढ़ा जा रहा है। इसकी प्लानिंग की जा रही है। जल्द वित्त से प्रस्ताव पास कराने के बाद मुख्य सचिव स्तर से अनुमोदन मिलने के बाद कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा।
कैबिनेट में विकास प्राधिकरण और विनियमित क्षेत्र विकास प्राधिकरणों के क्षेत्र से बाहर वाले इलाकों में नक्शे पास कराने वाले प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया। इस प्रस्ताव कोई फैसला नहीं लिया गया है। इस प्रस्ताव का दोबारा परीक्षण किए जाने के निर्देश देते हुए इसे स्थगित कर दिया गया।दून में हरिद्वार रोड पर पुराने रोडवेज वर्कशॉप परिसर में करीब चार साल पूर्व कैबिनेट ने ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, ताकि 75 सरकारी विभागों को एक छत के नीचे लाया जा सके। लेकिन, अब तक मात्र पैंतीस प्रतिशत के आसपास काम पूरा हो पाया है। इसी कछुआ रफ्तार से काम चलता रहा तो 2028 तक यह योजना पूरी हो सकेगी।पुराने रिकॉर्डपुराने रिकॉर्ड पर नजर दौड़ाएं तो नवंबर 2022 में कैबिनेट ने ग्रीन बिल्डिंग के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इससे पहले 20 अगस्त 2019 को काम शुरू करने का लक्ष्य रखा था। 30 अगस्त 2023 तक काम पूरा होना था। पर, परिवहन निगम से स्मार्ट सिटी को भूमि हस्तांतरण समेत कुछ प्रक्रिया पूरी करने में ज्यादा वक्त लग गया। शुरू में प्रस्तावित बजट 150 करोड़ रुपये था। अब करीब 206 करोड़ से ज्यादा पहुंच चुका है।














