हरिद्वार, दिल्ली पुलिस और किसानों के बीच आईटीओ पर संघर्ष कम होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं दूसरी ओर सैंकड़ों किसान दर्जनों ट्रैक्टरोंं साथ लाल किले के अंदर घुस गए हैं। कुछ किसान बाइक के साथ भी नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों के साथ संघर्ष में कई पुलिसकर्मियों के घायल होने की खबरें सामने आ रही है। सैंकड़ों किसानों के भी घायल होने की खबरें सामने आ रही हैं। पुलिस की ओर आईटीओ पर लगातार लाठीचार्ज और आंसू गैस के माध्यम से किसानों को खदेडऩे का प्रयास कर रही है। वहीं किसान भी अपनी ओर से पूरी तरह से मोर्चा लिए हुए हैं। किसान लगातार लाल किले की ओर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। आपको बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर के बाद दिल्ली के अलग-अलग जगहों से किसान ट्रैक्टर लेकर लाल किले की ओर ही आ रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार किसान नेताओं ने वादा किया था कि ट्रैक्टर रैली लेकर आने वाले किसान तिरंगे के साथ हैं. यह अलग बात है कि हाथ और ट्रैक्टर पर फहरा रहे किसान उपद्रवी में तब्दील हो गए. सवाल उठता है कि क्या तिरंगा थामे उपद्रवियों को वॉशिंगटन के कैपिटल हिल हिंसा की तरह राष्ट्रीय राजधानी पर कब्जा करने की छूट दी जा सकती है
किसानों द्वारा उत्पात मचाने और तोड़फोड़ करने पर दिल्ली पुलिस ने ऐसे किसानों की पिटाई शुरू कर दी है।
करनाल बाईपास पर प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में प्रवेश करने के लिए मंगलवार सुबह पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ दिया, उनका कहना है कि यहां से किसानों की ट्रैक्टर रैली जाएगी।
उग्र हुए आंदोलनकारी किसान
सिंघु बॉर्डर से मुकरबा चौक के पास पहुंचे ट्रैक्टरों पर सवार किसान उग्र हो गए हैं। किसान बाहरी रिंग रोड की तरफ जाने पर अड़ गए तो पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो किसान बैरिकेड तोड़ने लगे। बसों के शीशे तोड़ दिए। पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। किसानों व पुलिस के बीच झड़प भी हो रही है। यहां माहौल तनावपूर्ण हो गया है।