उत्तराखंड, के चमोली से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है. चमोली में नंदादेवी ग्लेशियर टूटने से इलाकों में तबाही आ गई है. तबाही में 150 लोगों के बहने की खबरें आ रही हैं. इसके अलावा इस तबाही में भारी आर्थिक नुकसान की भी आशंका जताई जा रही है. जोशीमठ से आगे ग्लेशियर टूटने की घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लगातार आपदा प्रबंधन और चमोली के जिलाधिकारी से जानकारी प्राप्त कर रहे हैं. लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी निर्देश दिए जा रहे हैं. ऋषिगंगा और फिर धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूटने से गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। इसे देखते हुए राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार तक अलर्ट जारी कर दिया
मिली जानकारी के अनुसार आज रविवार सुबह एवलांच के बाद चमोली जिले के अंर्तगत ऋषिगंगा नदी पर रैणी गांव में निर्माणाधीन 24 मेगावाट के हाइड्रो प्रोजेक्ट का बैराज टूट गया। इसके बाद मलबे और पानी का तेज बहाव धौलीगंगा की ओर बढ़ा। नतीजतन रैणी से करीब 10 किमी दूर तपोवन में धौलीगंगा नदी पर निर्माणाधीन 520 मेगावाट की विद्युत परियोजना का बैराज भी टूट गया। इसके बाद हालात बिगड़ गए। दोनों प्रोजेक्ट पर काम कर रहे बड़ी संख्या में मजदूरों के बहने की सूचना है।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिद्धम अग्रवाल के मुताबिक सुबह पहाड़ से भारी मलबा, हिमखंड टूटकर आने से इन हाइड्रो प्रोजेक्ट के बैराज क्षतिग्रस्त हुए। उन्होंने बताया कि बाढ़ के खतरे को देखते हुए तपोवन से लेकर हरिद्वार तक के सभी जिलों में अलर्ट जारी करने के साथ ही गंगा और उसकी सहायक नदियों के किनारे के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। गंगा के किनारे के सभी कैंपों को खाली कराया जा रहा है। वही खतरे को देखते हुए सरकार ने नदी किनारे बसें गांव ब क्षेत्र खाली करा दी गए हैं
अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें। कृपया घटना के बारे में पुराने वीडियो से अफवाह न फैलाएं। — Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp)
खबरों के मुताबिक ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है. प्रभावित इलाकों में SDRF की कई टीमें पहुंच चुकी हैं. राहत और बचाव कार्य शुरू हो गया है. ग्लेशियर टूटने की वजह से धौलीगंगा नदी में भारी बाढ़ आ गई है. बांध टूटने की वजह से नदियों के किनारे बसे गांवों को खाली कराया जा रहा है. ITBP के 200 से भी ज्यादा जवानों को राहत और बचाव कार्य में लगा दिया गया है. भागीरथी नदी के बहाव को रोक दिया गया है. अलकनंदा के पानी के प्रवाह को रोकने के लिए श्रीनगर बांध और ऋषिकेश बांध को खाली कर दिया गया है. गंगा नदी के तट पर मौजूद सभी जिलों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं. नदियों के जल स्तर की चौबीसों घंटों निगरानी के भी आदेश दिए गए हैं.
एनडीआरएफ,एसडीआरएफ और पीएसी फ्लड कंपनी को उच्चतम अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं.