हरिद्वार, साल का पहला ग्रहण10 जून को ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। यह सूर्यग्रहण वृष राशि और मृगशिरा नक्षत्र में लगेगा। महत्वपूर्ण बात ये है कि यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण होगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण दोपहर 01:42 बजे से शुरू होगा जो शाम 06:41 बजे समाप्त होगा। इस सूर्यग्रहण को उत्तर-पूर्व अमेरिका, यूरोप, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर में देखा जाएगा। इस सूर्यग्रहण को खंडग्रास, रिंग ऑफ फायर और वलयाकार सूर्य ग्रहण भी कहा जा रहा है। भारत में दिखाई न देने के कारण ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा। ग्रहण काल में सूतक का विचार किया जाता है। इस दौरान कई कार्यों को करने की मनाही होती है। ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं, पूजा पाठ एवं अन्य प्रकार के मंगल अनुष्ठान रुक जाते हैं। भारत की कुछ खास जगहों के अलावा ,सूर्य ग्रहण का ये नजारा कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस के कुछ चुनिंदा इलाकों से ही नजर आएगा. इसके अलावा न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन डीसी, लंदन और टोरंटो से भी लोग इसे देख सकेंगे. न्यूयॉर्क से सूर्य ग्रहण का 70 प्रतिशत से अधिक कवरेज देखा जाएगा
10 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण इसलिए भी खास है, क्योंकि शनि जयंती पर ग्रहण का योग करीब 148 साल बाद बन रहा है. इससे पहले शनि जयंती पर सूर्य ग्रहण 26 मई 1873 को हुआ था. बता दें कि सूर्य और शनि देव पिता-पुत्र हैं
गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण को नहीं देखना चाहिए। ऐसा करने से आंखों की रोशनी पर बुरा असर पड़ता है। इसके अलावा ग्रहण का प्रभाव गर्भवती महिला और उसके गर्भ पर भी पड़ सकता है।गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान घर के बाहर नहीं निकलना चाहिए। इससे गर्भवती महिला और गर्भस्थ शिशु के त्वचा को नुकसान हो सकता है। ग्रहण की छाया गर्भस्थ शिशु के लिए अशुभ माना जाता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को चाकू, पिन और सुई जैसी नुकीली चीज़ों से दूर रहना चाहिए। कथाओं अनुासार, इनका प्रयोग शिशु में विकृति का कारण बन सकती हैं। ग्रहण के दौरान चाकू, ब्लेड, कैंची जैसी किसी भी काटने वाली वस्तु का उपयोग नहीं करना चाहिए सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सिर्फ फलाहार करना चाहिए। ग्रहण के दौरान खाना खाने की मनाही होती है।
सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला को सोने की सलाह नहीं दी जाती है। उन्हें फर्श पर फैली घास पर बैठना चाहिए।
सूर्य ग्रहण से पहले और समाप्त होने के बाद गर्भवती महिलाओं को एक बार जरूर स्नान करना चाहिए। इससे ग्रहण के दूषित तरंगों का असर नहीं पड़ता है।