उत्तराखंड, ग्रेड पे को लेकर पुलिस परिवार के लोगो ने गांधी पार्क मे दिया धरना भारी पुलिस बल तैनात

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हरिद्वार, ग्रेड पे को लेकर आज देहरादून के गांधी पार्क मे पुलिस परिवार के परिजन पहुंचे जहां उन्होनें जमकर नारे बाजी की और उनकी मांग है कि पूर्व की भांति 4600 रुपये ग्रेड पे दिया जाए। वही महिलाओं ने अपने हाथों में तख्तियां लेकर ‘पुलिस परिवार की यही पुकार, 4600 ग्रेड पर हमारा अधिकार’ के नारे लगाए। इस दौरान भारी मात्रा में पुलिस बल गांधी पार्क के बाद तैनात किया गया है। गांधी पार्क का गेट बंद होने के कारण पुलिस कर्मियों के परिवार ने गेट पर ही बोर्ड लगाकर धरना प्रदर्शन किया। धीरे धीरे महिलाओ ने सड़क को जाम कर दिया है जिसके कारण शहर मे भारी जाम लग गया है वही पुलिस कर्मी उनको समझने का प्रयास किया जा रहा है देखते ही देखते वहां पर राजनीति लोग भी आने शुरू हो गए हैपुलिस परिवार की महिलाओं ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि यदि 27 तारीख तक उनकी डिमांड पूरी नहीं होती तो वह बच्चों के साथ सचिवालय के बाहर धरने पर बैठ जाएंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी। भारी बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के परिवार धरना देने के लिए पहुंचे और नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान एसपी सिटी सरिता डोबाल, सीओ सिटी शेखर सुयाल, सीओ सदर अनुज कुमार, कोतवाल रितेश शाह सहित कई अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे। वहीं, पुलिस परिवार को समर्थन देने के लिए कई राजनीतिक संगठन के लोग मौजूद रहे।

ग्रेड पे मामलादरअसल, 20 साल की सेवा के बाद कांस्टेबल को इंस्पेक्टर रैंक का ग्रेड पे 4600दिया जाता है, लेकिन पिछले दिनों इसमें बदलाव की बात कहते हुए सभी के लिए ग्रेड-पे को महज 2800 रुपए किए जाने का फैसला लिया गया था. सरकार के इस फैसले के खिलाफ पुलिसकर्मियों में नाराजगी थी. पुलिस जवानों का गुस्सा सोशल मीडिया पर भी देखने को मिला था. हालांकि, तब डीजीपी अशोक कुमार ने पुलिसकर्मियों को धैर्य रखने के लिए कहा था.आक्रोशित पुलिसकर्मियों का कहना था कि जब राज्य में एएसआई का पद ही निर्धारित ही नहीं है, तो उनका ग्रेड-पे कैसे वेतन के रूप में दिया जा सकता है. जबकि, 20 सालों से सेवारत कर्मचारी भले ही सब इंस्पेक्टर (दारोगा) के पद प्रमोशन नहीं हो पाया है, लेकिन उसको वेतन दारोगा के बराबर मिल रहा था. हालांकि, अब पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने इसे मामले मे एक कमेटी का गठन किया है. ताकि वे शासन स्तर पर इस समस्या का कोई हल निकाला जा सके.

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