हरिद्वार, चारधाम यात्रा को लेकर उच्च न्यायालय से राहत मिलने के बाद शासन ने भी यात्रा के लिए पूर्व में जारी मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में संशोधन कर दिया है। सचिव संस्कृति, धर्मस्व, तीर्थाटन प्रबंधन एवं धार्मिक मेला हरिचंद्र सेमवाल की ओर से मंगलवार शाम जारी एसओपी के अनुसार अन्य राज्यों से चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ई-पास की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अलबत्ता, उन्हें देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा।
सचिव हरिश्चंद्र सेमवाल की ओर से जारी एसओपी के मुतबिक, बाहरी राज्यों से आने वाले तीर्थयात्रियों को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। जबकि उत्तराखंड के निवासियों को यात्रा पर जाने के लिए स्मार्ट सिटी पोर्टल पर पंजीकरण की जरूरत नहीं
सभी तीर्थयात्रियों को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगने के 15 दिन बाद का प्रमाण पत्र दिखाने पर चारधाम यात्रा की अनुमति मिलेगी। अगर किसी यात्री ने एक डोज लगवाई है या कोई डोज नहीं लगवाई है तो उन्हें 72 घंटे के भीतर की आरटीपीसीआर कोविड निगेटिव रिपोर्ट दिखाने पर ही दर्शन की अनुमति मिलेगी।
आपको बता दें कि अभी तक हाईकोर्ट के आदेश के तहत केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800, बदरीनाथ में 1000, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 तीर्थयात्रियों को प्रवेश की अनुमति थी लेकिन मंगलवार को हाईकोर्ट ने यह बंदिश हटा दी।