हरिद्वार,बाबा रामदेव के सहयोगी मुक्तानंद महाराज का कल रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया जिसकी सुचना मिलते ही पुरे पतंजलि में शोक की लहर दौड़ गई वही बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी
स्वामी मुक्तानंद के निधन पर बाबा रामदेव ने कहा कि स्वामी मुक्तानंद महाराज का गुरुकुल के समय से करीब 35 सालों से हमारा एकात्म संबंध रहा है. हम लोग तीनों ही गुरुकुल से निकले थे. निष्काम कर्म योगी, आदर्श पुरुष और हमारी ऋषि परंपरा के प्रतिनिधि एवं पतंजलि योगपीठ के स्तंभ रहे. उनका कल रात हृदय गति रुकने से निधन हो गया गया. आज शाम को 4 बजे कनखल श्मशान घाट पर उनकी वैदिक रीति नीति से अंत्येष्टि संस्कार हुआ इस दौरान आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी, स्वामी कर्मवीर, महंत दामोदरदास, सतपाल ब्रह्मचारी आदि शामिल रहे।
35 सालों से गुरुकुल में कार्यरत रहे स्वामी मुक्तानंद जड़ी बूटियों की जानकार थे। स्वामी मुक्तानंद विज्ञान विषय में स्नातक थे तथा संस्कृत में भी उन्होंने स्नातकोत्तर की डिग्री ली थी। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के बेहद करीबियों में स्वामी मुक्तानंद का नाम सबसे पहले आता है। पतंजलि को फर्श से अर्श तक का सफर तय करने में स्वामी मुक्तानंद की बड़ी भूमिका रही है। कई सालों से स्वामी ‘ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट’ लेवल पर छात्रों को संस्कृत भी पढ़ा रहे थे।