हरिद्वार धामी सरकार के 100 दिन प्रदेश बदहाल। बेटियां नही सुरक्षित- आप

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आम आदमी पार्टी के महानगर अध्यक्ष अनिल सती के नेतृत्व में धामी सरकार के 100 दिन के कार्यकाल को निशाराजनक बताते हुए भगत सिंह चौक से चन्द्राचार्य चौक तक पैदल कैंडल मार्च निकालकर धामी सरकार में लचर कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए।
आप की प्रदेश प्रवक्ता हेमा भण्डारी ने कहा
उत्तराखंड सरकार के पहले 100 दिन के कामकाज में उत्तराखंड के हर तबके को पूरी तरह से निराश किया है। उत्तराखंड की भाजपा की सरकार 100 दिन का कार्यकाल पूरा होने पर जिस तरह से विकास के नाम पर खुद ही अपनी पीठ थपथपा कर खुशफहमी का शिकार हो रही है इस लिए इस सरकार को जनता के आंसू नहीं दिखाई दे रहे है। सरकार ने राज्य के बेरोजगार नौजवानों को रोजगार की तलाश में दर-दर भटकने के लिए मजबूर किया है। सरकार के राज में राज्य का संविदा कर्मी अपने भविष्य को असुरक्षित महसूस कर रहा है। 2 वर्षों में लॉकडाउन के कारण चार धाम यात्रा लगभग बंद रही इस साल चार धाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आएंगे इसका सरकार को अनुमान लगाने के बाद यात्रा व्यवस्थाएं भी उसी तरह से चाक-चौबंद करनी चाहिए थी लेकिन सरकार द्वारा चार धाम यात्रा व्यवस्थाओं को ठीक न कर पाने के कारण मात्र 1 महीने में 200 से अधिक श्रद्धालुओं को मौत की नींद सोना पड़ा इससे पूरे देश में उत्तराखंड की बदनामी हुई है।
2022 के विधानसभा चुनाव के परिणाम भाजपा के पक्ष में आने और भाजपा को दो तिहाई से अधिक बहुमत मिलने के बाद राज्य की जनता को उम्मीद थी कि त्रिवेंद्र सरकार ने भू कानून में जो बदलाव करके उत्तराखंड की पर्वतीय क्षेत्र की जमीनों को बिकवाली पर लगा दिया था अब धामी टू सरकार बिकवाली पर रोक लगाकर एक ऐसी मजबूत भू कानून लाएगी जिससे उत्तराखंड के लोगों की भूमि सुरक्षित रह सके लेकिन इन 100 दिनों में धामी सरकार इस काम को भी नहीं कर पायी।

राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है राज्य के अंदर हाल ही में नाबालिक लड़कियों के साथ बलात्कार की तीन घटनाओं ने राज्य को शर्मसार किया है बागेश्वर, सहसपुर और रूडकी की घटना चिंता का विषय है सरकार की तानाशाही लगातार बढ़ती जा रही है और यही कारण है कि सरकार ने न्यू कैंट रोड पर राजभवन और मुख्यमंत्री आवास कूच पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाकर अपनी तानाशाही रवैए का उदाहरण प्रस्तुत किया है ।
महानगर अध्यक्ष अनिल सती ने कहा
राज्य सरकार ने अपनी दूसरी पारी के पहले बजट में राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ाने के साथ राज्य के हर नागरिक को ₹ 74000 का कर्जदार बनाने की उपलब्धि हासिल की है. राज्य सरकार की देखरेख में राज्य में घोटालों की बाढ़ आई हुई है सरकारी नौकरी में भर्तियों से लेकर राज्य में जगह-जगह घोटाले ही घोटाले हो रहे हैं. वीडियो भर्ती में घोटाला, वीपीडीओ भर्ती में घोटाला, सहकारी बैंक भर्ती में घोटाला, सी उम्र में बड़ा घोटाला, खनन में घोटाला, शराब ओवर रेटिंग में घोटाला को देखकर लगता है कि घोटाले अंजाम देने के अलावा सरकार का ध्यान किसी और काम पर नहीं है. पुलिस भर्ती में जिले का कोटा खत्म कर दिया गया है।
चारधाम यात्रा मार्गों से लेकर राज्य के अलग अलग इलाकों में हर दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं पर सरकारी अमला रोक लगा सकने में पूरी तरह बिफल साबित हो रहा है । राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा रही है. शिक्षा विभाग में ट्रांसफर उद्योग फल फूल रहा है। अपनों को हाँ गैरों को ना के सिद्धांत पर ट्रांसफर होने से कर्मचारियों में भारी असंतोष व्याप्त है।
परिसंपत्तियों का विवाद सुलझाने के नाम पर उत्तराखंड के हितों को गिरवी रख दिया गया है कुल मिलाकर कह सकते हैं कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने अपने पहले 100 दिन के कार्यकाल में राज्य की जनता को केवल निराशा ही नहीं किया बल्कि हतोत्साहित किया है प्रताड़ित किया है। कैंडल मार्च में प्रदेश प्रवक्ता हेमा भण्डारी, महानगर अध्यक्ष अनिल सती, विधानसभा अध्यक्ष ग्रामीण संजू नारंग, विधानसभा उपाद्यक्ष मयंक गुप्ता, तनुज शर्मा, डॉक्टर ब्रह्म पाल सिंह , सचिव मयूर उप्रेती, अशोक कुमार, उपाद्यक्ष अंशुल शर्मा, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष राकेश यादव , महिला मोर्चा उपाद्यक्ष गीता देवी, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष सेवाराम , संजय गौतम,राकेश, यशपाल सिंह चौहान, लोहट,भरत कुमार,संदीप डोभाल, कमल चोपड़ा, , तेजावीर सिंह, अमन सकलानी, सुबोध सिंह,गुलशन कुमार,विकास वर्मा, दयाराम, अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष अकरम, विशाल शर्मा,प्रवीण कुमार, शिशुपाल सिंह नेगी मौजूद रहे।

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