(ब्यूरो चीफ रजनीश दीक्षित)उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए तीनों दोषियों पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है।
2022 में हुई थी हत्या, अंकिता का शव नहर से बरामद हुआ था।
कोर्ट ने आज ही तीनों को दोषी करार दिया था, और अब सज़ा का एलान भी कर दिया गया।
पीड़ित परिवार और जनमानस ने फैसले का स्वागत किया, लेकिन फांसी की मांग अब भी जारी है। :-,कोर्ट ने उम्रकैद की सजा के साथ ही 50-50 हजार रुपये का लगाया अर्थ दंड,अंकिता के परिजनों को चार लाख रुपये देने का फैसला भी कोर्ट ने सुनाया,
पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा
“यह न्याय की दिशा में एक मजबूत कदम है, लेकिन समाज को संतोष तब होगा जब ऐसे अपराधों में कठोरतम सजा मिले।”…..
ये है पूरा मामला
19 साल की अंकिता ऋषिकेश के वनंतरा रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी। 18 सितंबर, 2022 को अंकिता अचानक गायब हो गई थी। इसके बाद उसके पिता ने रिसॉर्ट पहुंचकर कर्मचारियों से पूछताछ की थी। बेटी का पता नहीं चलने पर उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।शक के आधार पर जब पुलिस ने पुलकित से पूछताछ की तो उसने बताया कि अंकिता भंडारी रिसॉर्ट के एक कमरे में रहती थी। कुछ दिन से वह मानसिक तनाव से गुजर रही थी। इसलिए वह और उसके दोस्त 18 सितंबर को अंकिता को ऋषिकेश घुमाने ले गए थे।देर रात सभी वहां से वापस आए। लौटकर सभी रिसॉर्ट में बने अलग-अलग कमरों में सोने चले गए। 19 सितंबर की सुबह अंकिता अपने कमरे से गायब थी। पुलिस की पड़ताल में यह कहानी झूठी निकली
पुलकित के बाद पुलिस ने रिसॉर्ट के कर्मचारियों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि ऋषिकेश जाते समय अंकिता इन लोगों के साथ थी, लेकिन वह इनके साथ लौटकर नहीं आई। इसके बाद पुलिस ने ऋषिकेश के रास्ते पर लगे हुए तमाम CCTV कैमरों के फुटेज चेक किए। इनसे यह बात साबित हुई कि रिसॉर्ट से जाते समय कुल चार लोग थे, लेकिन वापस तीन ही लौटे।घटना के बाद भाजपा ने पुलकित के पिता विनोद आर्य को पार्टी से निकाल दिया था। वे उत्तराखंड सरकार में मंत्री रह चुके हैं। आर्य भाजपा OBC मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और उत्तर प्रदेश के सह प्रभारी भी थे। पुलकित के भाई अंकित आर्य को भी उत्तराखंड OBC कल्याण आयोग के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया था। उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त था।