उत्तराखण्ड मे अगर आम आदमी पार्टी को दमदार जीत हासिल करनी है तो उसके लिए आम आदमी पार्टी को एक नेतृत्व की जरूरत है वही आप पार्टी कि जिलाअध्यक्ष हेमा भंडारी रात दिन पार्टी को दमदार बनाने के लिए कार्य कर रही है देखा जाए तो कुछ दिन पहले भी हरिद्वार मे मंदिर को तोड़े जाने कि खबर के बाद अपने साथियो के साथ वहां पहुची और बात कि दिल्ली में प्रचण्ड जीत के बाद आम आदमी पार्टी ने पिछले आम चुनाव में उत्तराखण्ड का रूख तो किया लेकिन कोई खाता नहीं खुलने से पार्टी को मुहं की खानी पड़ी थी। अब एक बार फिर से आम आदमी पार्टी ने उत्तराखण्ड में राजनीतिक जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। जिसके लिए लोगों में अच्छी पकड़ रखने वाले स्थानीय नेता की तलाश पार्टी को है।
दिल्ली मे अपनी प्रचंड जीत के बाद अरविन्द केजरीवाल ने उत्तराखण्ड मे भी जीत हासिल करने के लिए पार्टी के सदस्यो को एक खाब देखने को मजबूर कर दिया और सही भी है आज उतराखंड मे काग्रेस और भाजपा सब कुछ जानने के बाद भी अनजान बनी है अगर देखा जाए तो बस एक चेहरे कि तलाश है जो सीएम पद के लिए हो
उत्तराखंड और दिल्ली के बीच सबसे बड़ा अंतर भौगोलिक स्थिति का है। दिल्ली में जहां लोगों के बीच पहुंचना आसान है, वहीं उत्तराखंड में स्थिति एकदम उलट है। विशेषकर नौ पहाड़ी जिलों में वोटरों तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। पार्टी 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले राज्य की राजनीति में जगह बनाने की कोशिश में जुटी है।हालांकि अब तक उसे सफलता नहीं मिली है। दूसरी ओर करीब छह वर्ष के लंबे अंतराल के बावजूद पार्टी संगठन को भी मजबूत नहीं कर पाई है। ज्यादातर जिलों में केवल नाममात्र का संगठन है। ऐसे में दूर-दराज के मतदाताओं तक पहुंचने के लिए पार्टी को कड़ी मेहनत करनी होगी।














