हरीद्वार, कोरोना संक्रमण के दौरान सभी जगह ऑक्सीजन की काफी मांग बढ़ गई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश आज उस समय हंगामा हों गया जब ऋषिकेश के एम्स अस्पताल मे ऑक्सीजन का प्रेशर कम हो गया और मरीजों को परेशानी होने लगी जिसके बाद 50 पेशेंट को दूसरे अस्पताल मे शिफ्ट किया गया इस बीच अफवाह फैल गई की एम्स में ऑकसीजन खत्म हो गई है। जिससे भय का माहौल उत्पन्न हो गया। लेकिन एम्स प्रशासन की ओर से कुछ ही देर में स्पष्ट कर दिया गया कि संस्थान में ऑक्सीजन की कोई दिक्कत नहीं है।
मिली जानकारी के अनुसार आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश एम्स में उस समय हंगामा शुरू हो गया जब किसी ने अफवाह फैला दी की अस्पताल मे ऑक्सीजन खतम हो गया लेकीन बाद में पता चला कि ऑक्सीजन बेड में सप्लाई के दौरान तकनीकी समस्या पैदा हो गई। थी आनन-फानन तकनीशियनों द्वारा जांच की गई तो पता चला की सप्लाई के दौरान प्रेशर की समस्या उत्पन्न हो गई है। एक साथ 640 बेड में ऑक्सीजन की फुल सप्लाई के दौरान प्रेशर की समस्या उत्पन्न हुई। जिसके बाद वहां मौजूद मरीजों के परिजनो ने एक दूसरे को फोन घूमने शुरू कर दिया
वहीं संस्थान के वरिष्ठ जन संपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि संस्थान में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। उनके पास 30 हजार लीटर क्षमता का ऑक्सीजन स्टोर है संस्थान की टीम ऑक्सीजन प्रेशर बढ़ाने का यत्न कर रही है, जिसके लिए लाइन में मॉडिफिकेशन भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिन मरीजों को पांच लीटर तक ऑक्सीजन की आवश्यकता है उन्हें विकल्प के रूप में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दिया जाएगा। जिसके लिए ऋषिकेश कोविड- केयर सेंटर में ऐसे मरीजों को शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि एम्स में वर्तमान में 660 बेड हैं जिनमें करीब 100 बेड बिना ऑक्सीजन सुविधा वाले हैं।