उत्तराखंड में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इस दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. कैबिनेट में 30 प्रस्ताव आए थे, इनमें सैनिक कल्याण, उच्च शिक्षा, आवास ,नियमावली, आबकारी, शहरी विकास आदि के प्रस्ताव प्रमुख हैं. इन सभी में से एक प्रस्ताव वापस हुआ, एक प्रस्ताव में समिति बनाई गई और 28 प्रस्तावों को कैबिनेट ने पास कर दिया. केदारनाथ में हेलीपेड का विस्तार करने पर भी हामी भरी गई है. हेलीपैड के विस्तार होने के बाद सेना का युद्धक हेलीकॉप्टर चिनूक यहां लैंड कर सकेगा.
मिली जानकारी के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। कुल 30 प्रस्तावों पर चर्चा हुई। इनमें से 28 प्रस्ताव पर को मंजूरी मिली। एक प्रस्ताव स्थगित हुआ। अन्य प्रस्ताव सिंचाई की नहरों के निर्माण कार्यों व बाढ़ सुरक्षा कार्यों के लिए प्रोक्योरमेंट नियमों में छूट देने पर विचार करने को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई है। पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए बनाई गई आउटसोर्सिंग एजेंसी उपनल को प्रदेश के अन्य व्यक्तियों के लिए भी आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाई गई है। मंत्रिमंडल ने तय किया कि स्वास्थ्य, हाउसकीपिंग, हॉस्पिटेलिटी और तकनीकी क्षेत्रों में सरकारी व निजी क्षेत्र की मांग के मुताबिक उपनल पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के उपलब्ध नहीं होने पर अन्य व्यक्तियों को रोजगार मुहैया कराएगा।
इसके साथ ही कैबिनेट ने हरिद्वार स्थित माया देवी और जूना अखाड़ा की 197 फीट ऊंची मंदिर की परमिशन दी है. इसके अलावा सतर्कता विभाग को आरटीआई के नियम से बाहर किया गया है. प्रदेश में 25 किलोवाट के सोलर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को मंजूरी दी गई है साथ ही स्टाम्प पेपर में 100 प्रतिशत की छूट भी दी गई है. IT पॉलिसी में भी संशोधन किया गया है. बॉर्डर एरिया में सरकार 40 लाख रुपये की सब्सिडी कंपनी को देगी.
ये है फैसले
स्वास्थ्य, हाउस कीपिंग, हॉस्पिटेलिटी और तकनीकी क्षेत्रों में उपनल उपलब्ध कराएगा रोजगार।
पर्यटन को बढ़ावा देने को पर्यटक प्रोत्साहन कूपन योजना मंजूर, पर्यटकों को मिलेगी एक हजार रुपये की छूट।
राजकीय महाविद्यालय में गेस्ट फैकल्टी की संविदा अवधि एक साल बढ़ाने का फैसला।
कोविड-19 संकट काल में विधानसभा सदस्यों के वेतन भत्ते कटौती को विधानसभा में विधेयक लाने पर मुहर।
खरसाली से यमुनोत्री रोपवे के लिए तय निर्माण कंपनी का पैसा लौटाएगी सरकार, अब सरकार कराएगी पीपीपी मोड में निर्माण ।
अशासकीय सहायताप्राप्त संस्कृत विद्यालयों के राज्य व राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त प्रधानाचार्यों को दो वर्ष की अतिरिक्त सेवा लाभ देने पर मुहर।