उत्तराखंड, छठ पूजा पर सार्वजनिक अवकाश घोषित आदेश जारी

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हरिद्वार, धामी सरकार ने छठ पूजा को लेकर अवकाश के आदेश जारी कर दिए हैं वही सरकार ने छठ पूजा को लेकर अवकाश के आदेश जारी कर दिए हैं शासन द्वारा जारी किए गए आदेश में लिखा गया है कि उत्तराखण्ड राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किये जाने विषयक , छठ पूजा दिनांक 10 नवम्बर, 2021 (बुधवार) हेतु घोषित निर्बन्धित अवकाश को संशोधन करते हुए (कोषागार तथा उपकोषागारों को छोड़कर) सार्वजनिक अवकाश घोषित किये जाने की राज्यपाल महोदय सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हैं।

छठ पूजा उत्तर भारत का एक बेहद महत्वपूर्ण त्योहार है। खासतौर पर उत्तरप्रदेश और बिहार के लिए छठ पर्व दिवाली जितना ही महत्वपूर्ण माना जा सकता है। इस त्योहार का श्रद्धालुओं को पूरी शिद्दत से इंतजार होता है। पर्व के दिन नजदीक आने के साथ ही तैयारियां भी तेजी से शुरू हो जाती हैं। इसके बाद पूरे उत्साह से होती है छठी मैया की पूजा। वैसे इस पर्व से भी ढेरों मान्यताएं जुड़ी हैं। अच्छी फसल, परिवार की सुख-समृद्धि और सुहाग व संतान की लंबी उम्र की कामना के साथ छठ का व्रत रखा जाता है।

श्रीकृष्ण ने उत्तरा को ये व्रत रखने और पूजन करने का सुझाव दिया था। महाभारत युद्ध के बाद जब गर्भ में ही अभिमन्यु और उत्तरा के पुत्र का वध कर दिया गया था। तब उस जान को बचाने के लिए भगवान कृष्ण ने उत्तरा का षष्ठी व्रत करने के लिए कहा। इसलिए इस व्रत को संतान की लंबी आयु की कामना के लिए भी माना जाता है।
छठ पूजन का दिन और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह की षष्ठी से ये पर्व शुरू हो जाता है. चार दिन चलने वाला ये पर्व इस साल यानि 2021 में 8 नवंबर यानि आज से शुरू हो चुका है। 8 नवंबर यानि आज से नहाय-खाय से पर्व पर पूजा पाठ शुरू गया। अगले दिन खरना फिर सूर्य को अर्घ देने का दिन और फिर आखिरी दिन सुबह सुबह उगते सूरज को अर्घ्य देकर पर्व का समापन होगा।
पूजन विधि
छठ पूजन पर विशेषतौर से महिलाएं व्रत रखती हैं और पूजा पाठ में सख्त नियमों का पालन किया जाता है। गोबर से लीप कर पूजा स्थल की साफ सफाई होती है। बलराम की पूजा के लिए हल की आकृति बनाई जाती है। इसके लिए भूसे और घास का उपयोग होता है। दिनों के अनुसार खास पूजा होती है।

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