उत्तराखंड, जिसको पाला अपनी बेटी की तरह वही निकली कातिल

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हरिद्वार,विजयलक्ष्मी नामक महिला की मौत के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में जिस युवती को आरोपी बनाया है उसने वारदात को इस तरह अंजाम दिया कि किसी को भी उस पर शक नहीं हुआ। साथ ही पुलिस को भी सच उगलवाने में पसीने छूट गए। हालांकि, आखिरकार पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद आरोपी से सच उगलवा लिया और युवती और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया।

मिलि जानकारी अनुसार 29 जून को जब विजयलक्ष्मी का शव मिला तो परिवार के लोगों को विजयलक्ष्मी की मृत्यु हजम नहीं हो रही थी। पहला शक तो अपनी जान से अधिक प्यारी उनके गले की चार तोले की सोने की चेन, जिसे वह कभी अपने से अलग नहीं करती थी उसका गायब होना। परिवार की नहीं आस पड़ोस के लोगों की नजर में वह एक इत्तेफाक नहीं हो सकता था। उसके बाद अंतिम संस्कार से पूर्व जब चेहरे की रंगत बिगड़ी तो परिवार का शक और भी गहरा गया। परंतु शिवम व अंजली ने इस शातिरपन के साथ विजयलक्ष्मी की हत्या को अंजाम दिया कि पुलिस का अनुभव भी फेल हो गया।

उधमसिंह नगर एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि किच्छा के पंत कॉलोनी में बीजेपी नेती की भाभी विजय लक्ष्मी अपने पति के साथ रहती थी. विजय लक्ष्मी के दो बेटे और एक बेटी है. एक बेटा विदेश में है, दूसरा बेटा नोएडा और बेटी भी किसी दूसरे शहर में नौकरी करती है. वारदात की रात विजय लक्ष्मी के पति भी किसी काम के बाहर गए हुए थे. विजय लक्ष्मी घर पर अकेली थी, जिसका आरोपियों ने फायदा उठाया पुलिस ने बताया कि 29 जून सुबह को विजय लक्ष्मी के देवर व बीजेपी नेता प्रवीण जायसवाल अपने भाई के घर गए तो देखा कि कमरे में विजय लक्ष्मी मृत अवस्था में पड़ी हुई हैं. उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी फोन पर अपने भतीजे यानी विजय लक्ष्मी के बेटे को दी. इसके बाद सभी घर पहुंचे.सोने की चेन और अंगूठी गायब होने से हुआ शक: पहले सभी विजय लक्ष्मी की मौत का कारण बीमारी मानकर चल रहे थे, क्योंकि विजय लक्ष्मी अस्थमा की मरीज थी. लेकिन अंतिम संस्कार से पहले परिजनों की नजर विजय लक्ष्मी गले और हाथों की उंगलियों पर पड़ी. विजय लक्ष्मी के गले से चेन और हाथ के सोने की अंगूठी गायब थी. इसके बाद परिजनों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी. पुलिस ने भी शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा.पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सच आया सामने: पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण बीमारी नहीं, बल्कि दम घुटना बताया गया. इसके बाद महिला के देवर धर्मराज जायसवाल ने दो जून को किच्छा कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया और पुलिस ने मामले की जांच शुरू की.कोतवाल सुंदरम शर्मा के नेतृत्व में गठित टीम को घटना की रात पड़ोस के सीसीटीवी में संदिग्ध युवक-युवती नजर आए। जब दोनों के बारे में जानकारी जुटाई तो युवती परिवार की बेहद करीबी पंत कॉलोनी निवासी अंजलि शर्मा (23) निकली। अंजलि का विजयलक्ष्मी और उनके परिवार से काफी मेलजोल था। मकान बनाने के कारण अंजलि पर काफी कर्जा हो गया था। लोग उसपर पैसे लौटाने का दबाव बना रहे थे। पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो वह जल्द टूट गई। एसएसपी ने बताया कि अंजलि की नजर काफी समय से विजयलक्ष्मी पर थी। शाहजहांपुर निवासी दोस्त शिवम को भी इसकी जानकारी दी तो उसने हत्या की योजना बनाई। वारदात वाली रात शिवम किच्छा आया और दोनों विजयलक्ष्मी के घर पहुंचे। अंजलि जानती थी कि विजयलक्ष्मी घर पर अकेली हैं। इस दौरान शिवम बाहर छिप गया, जबकि अंजलि घर में चली गई। बाद में मौका देखकर शिवम छत पर चढ़ गया। देर रात जब विजयलक्ष्मी को नींद आने लगी तो अंजलि ने शिवम को बुलाया और दोनों ने पायदान से विजयलक्ष्मी का मुंह व गला दबाकर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद दोनों उसके गले से सोने की चेन, करीब 2500 की नकदी सहित अन्य आभूषण लूटकर फरार हो गए। शिवम लूट का सामान लेकर शाहजहांपुर चला गया था। पुलिस ने लूट का सामान बरामद कर दोनों के खिलाफ केस दर्ज किया है। कोर्ट के आदेश पर दोनों हत्यारोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

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