हरिद्वार, आज पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल की शुक्रवार को होने वाली बैठक में जोशीमठ प्रभावितों के लिए और टो इरोजन रोकने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में मंत्री एक माह का वेतन जमा करेंगे। प्रभावित परिवारों के लिए किराया की दर चार हजार की जगह पांच हजार किया गया।
मिली जानकारी अनुसार बैठक में प्रभावितों को बड़ी राहत देते हुए प्रभावितों द्वारा सहकारिता से लिए गए ऋण की किस्त एक साल के लिए माफ कर दी गई है। वहीं राष्ट्रीयकृत और निजी बैंक लोन की किस्त को एक साल माफ करने के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा वहीं सरकार ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने को पेपरलीक मामले में सख्त कानून लाएगी। इसे लेकर आज बैठक के दौरान चर्चा हुई। इसके साथ ही राज्य कैबिनेट की बैठक में और भी कई महत्वूपर्ण लिए गए।
ये है लिए गए फैसले
वास्तविक रेंट या 950 रुपए प्रतिदिन अधिकतम तय
बैठक में राहत शिविरों को लेकर मानक तय
45 करोड़ की आर्थिक सहायता को कैबिनेट ने जारी करने की दी मंजूरी
05 जगहों को पुनर्वास के लिए किया कैबिनेट ने चिन्हित
चार हजार की जगह 5 हजार किया गया प्रभावित परिवारों के लिए किराया की दर
एक हजार की किराए राशि कैबिनेट ने बढ़ाई।
कैबिनेट में मौजूद मंत्रियो ने एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का लिया फैसला।
जोशीमठ आपदा प्रभावितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करेंगे मंत्री एक माह का वेतन।
राहत शिवीरी में रह रहे लोगों को 450 रुपये खाने के एक दिन के लिए दिए जाएंगे।
भारत सरकार से एक सप्ताह के भीतर राहत पैकेज का प्रस्ताव भेजा जाएगा
विस्थापित परिवारों को जिंदगी बसर के लिए एसडीआरएफ की गाइडलाइन के अनुसार परिवार के दो व्यक्ति को मनरेगा के नियमानुसार मजदूरी दी जाएगी
पशुओं के लिए 15000 रुपये विस्थापन और 80 रुपए प्रतिदिन चारे के लिए तय
बिजली पानी के बिल नवंबर माह से अगले 06 माह के लिए माफ
आपदा प्रबंधन विभाग पहाड़ी शहरों की धारण क्षमता की करेगी जांच
मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने बताया कि कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि भर्तियों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार द्वारा शीघ्र ही एक सख्त नकल विरोधी कानून लाया जाएगा, जिसमें दोषी को उम्रकैद तक की सजा का प्रविधान किया जाएगा।
साथ ही, इस कार्य में अर्जित की गयी संपत्ति को भी जब्त किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा लेखपाल की परीक्षा को दोबारा आयोजित किया जाएगा। जिन अभ्यर्थियों ने पूर्व में इसके लिए आवेदन किया है, उन्हें दोबारा आवेदन नहीं करना होगा। न ही इसके लिए कोई फीस देनी होगी।