हरिद्वार, वन्य जीव जंतुओं की संख्या के मुताबिक बाघ कि संख्या मे काफी बढ़ोतरी होती नजर आ रही है तस्कर बाघ को मारकर उसकी खाल और हड्डियो को बाजार मे भारी मुनाफे में बेचते है वही कल देर रात एसटीएफ टीम ने वन्य तस्करी के मामले में चार तस्कर को गिरफ्तार किया जिनके पास से एक बेलेरो कार और बाघ की खाल और 15 किलो हड्डी मिली है इंटरनेशनल बाजार में इनकी किमत लाख से लेकर करोड़ो मे होती है बाघ कि खाल को गलीचे में बदल दिया जाता है या भर दिया जाता है और लक्जरी घरेलू सजावट के रूप में उपयोग किया जाता है। कुछ संस्कृतियों में धन के इस तरह के प्रदर्शन को शक्ति (दण्डमुक्ति) और धन का प्रतीक माना जाता है। बाघ की हड्डियों का उपयोग ” हड्डियों को मजबूत करने वाली शराब ” बनाने में किया जाता है।
मिलि जानकारी अनुसार एसटीएफ और वन विभाग की संयुक्त टीम ने बाघ की खाल और 15 किलो हड्डी के साथ पिथौरागढ़ जिले के चार वन्य जीव तस्करों को गिरफ्तार किया है। वह खाल और हड्डी काशीपुर से लेकर खटीमा की ओर जा रहे थे। बाद में वन विभाग ने चारों पर वन्य जीव अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया है।
पकड़े गये तस्करों के विरुद्ध तराई पूर्वी वन प्रभाग खटीमा में वन्यजीव जंतु संरक्षण अधिनियम में पंजीकृत कराया गया। अभियुक्तों से तस्करी के सम्बन्ध में एसटीएफ द्वारा विस्तृत पूछताछ की जा रही हैं। एसटीएफ की इस कार्यवाही में आरक्षी महेन्द्र गिरि व किशोर कुमार की विशेष भूमिका रही। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया कि एसटीएफ को पिछले कई दिनों से कुमायूँ के जंगलों से वन्यजीव-जन्तुओं के अवैध शिकार की सूचनाएँ प्राप्त हो रही थी जिस पर कुमायूँ युनिट को लगाया गया था।
कृष्ण कुमार पुत्र वीर राम निवासी ग्राम बगीचा, थाना धारचूला जनपद पिथौरागढ़
2.गजेंद्र सिंह पुत्र भगत सिंह निवासी गोठी कालिका, थाना धारचूला जनपद पिथौरागढ़
3.संजय कुमार पुत्र नंदन राम निवासी गोठी कालिका, थाना धारचूला जनपद पिथौरागढ़
4.हरीश कुमार पुत्र शेर राम निवासी गोठी कालिका, थाना धारचूला जनपद पिथौरागढ़।