उत्तराखंड, लड़ाई सरकार से नुकसान जनता का ये कैसा इंसाफ

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हरिद्वार,ऊर्जा के तीन निगमों के 3500 से ज्यादा कार्मिकों ने सोमवार मध्यरात्रि से हड़ताल पर चले गए हैं। इससे मनेरी भाली और पछवादून की पांच जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन ठप हो गया है। इसके साथ ही कई जगहों पर बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई है। आपको बता दें कि एसीपी की पुरानी व्यवस्था की बहाली और समान काम के लिए समान वेतन समेत 14 सूत्रीय मांगों को लेकर शासन के साथ सोमवार पूरे दिन और देर रात वार्ता जारी रहने के बावजूद समाधान की राह नहीं निकली। वही काफी जगह पर तो बिजली रात से नही है तो कुछ जगह पर बिजली जानी शुरू हों गई है लिहाजा फाल्ट ठीक करने वाला कोई नहीं है बिजली घर पर ताले लटके है तो अधिकारियों के मोबाइल बंद है ऊर्जा विभाग की हड़ताल ने जनता को मुस्किल मे डाल दिया है काफी जगह तो लोगो को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है

देहरादून के ऊर्जा निगम में सचिव ऊर्जा सौजन्या, एमडी दीपक रावत, पूर्व एमडी नीरज खैरवाल सहित कई अधिकारी मौजूद हैं। अधिकारी लगातार कर्मचारियों को समझाने में जुटे हैं। लेकिन कर्मचारी मानने को तैयार नहीं है। वहीं, देहरादून में भी कई फीडर से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। दून के सभी बिजलीघरों में ताले लटके हैं। अधिकारियों के मोबाइल बंद हैं। उधर, बिजली कटने की वजह से लोग भी परेशान हो रहे हैं।

वही हड़ताल के बाद मंगलवार को उत्तरकाशी में सुबह मनेरी भाली एक और मनेरी पाली दो की टरबाइन थमी गई है। जिससे विद्युत उत्पादन ठप हो गया है। मनेरी भाली एक से प्रतिदिन 90 मेगा वाट व मनेरी भाली द्वितीय से प्रतिदिन 304 मेगावाट बिजली उत्पादन होती है। दोनों परियोजनाओं पर कल रात 12:00 बजे से उत्पादन ठप है। जिससे प्रतिदिन करीब सवा करोड़ राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं, उत्तरकाशी के कई इलाकों में बिजली गुल है।

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