उत्तराखंड, शीतकाल के लिए बंद होंगे केदारनाथ मंदिर के कपाट,

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हरिद्वार, परम्परानुसार प्रतिवर्ष भैयादूज पर ही बाबा केदार के कपाट बंद किए जाते हैं। बुधवार को केदारनाथ की पंचमुखी भोगमूर्ति को मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने विशेष पूजा अर्चना कर भोग लगाया गया। जैसे ही भगवान की पंचमुखी उत्सव डोली मंदिर परिसर पहुंची। भक्तों की जयकारों से पूरा वातावरण शिवमय हो गया। इस दौरान भक्तों ने उत्सव डोली की दर्शन कर आशीर्वाद लिया। मंदिर की एक परिक्रमा के बाद उत्सव डोली को सभा मंडप में विराजमान किया गया।

गुरूवार यानी भैयादूज के अवसर पर सुबह साढे 8 केदारनाथ मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। सुबह 6 बजे गर्भ गृह के कपाट बंद होंगे, जबकि साढ़े 8 बजे मंदिर का मुख्य द्वार बंद किया जाएगा। कपाट बंद होने के बाद केदार बाबा की डोली पहले दिन रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी।24 अक्टूबर को रामपुर से प्रस्थान कर रात्रि प्रवास के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी तथा 25 अक्टूबर को गुप्तकाशी से प्रस्थान अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजामन होगी। जहां शीतकाल के छह माह तक यहीं पर नित्य पूजाएं संपन्न की जाएंगी। वहीं मंदिर के कपाट बंद करने को लेकर बीकेटीसी के साथ ही जिला प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबंधन, यात्रा प्रबंधन एवं संबंधित विभागों ने सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली हैं।जिला प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबंधन, यात्रा प्रबंधन एवं संबंधित विभागों द्वारा कपाट बंद होने के उपलक्ष्य पर सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गई हैं। जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग प्रतीक जैन ने कहा कि केदारनाथ के कपाट बंद होने की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, यातायात, चिकित्सा और अन्य व्यवस्थाओं के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

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