हरिद्वार,उत्तराखंड का संगीत जगत के लिए बुरी खबर है। पहाड़ी अ-कापेला, नंदू मामा की स्याली, ऊडांदू भौंरा जैसे गीतों को लोगों के बीच लाने वाले गुंजन डंगवाल की आज सुबह सड़क हादसे में मौत हो गई है। जिसके बाद से परिजनों का हाल बुरा हो गया
मिली जानकारी अनुसार आज सुबह चार बजे पंचकुला मे एक सड़क हादसे में उनकी दर्दनाक मौत हो गई वह देहरादून से चंडीगढ़ में रहने वाले अपने मित्र से मिलने गए थे जब उन्होंने उनका फोन नहीं उठाया तो उनके मित्र ने उन्हें कम से कम 20 बार कॉल की काफी देर तक कॉल ना उठाने पर उसने पुलिस से संपर्क किया वह अपनी स्विफ्ट कार में सवार थे और दुर्घटना के वक्त अकेले ही थे। दुर्घटना की सूचना मिलते ही उनके माता-पिता देहरादून से चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए हैं। देर शाम तक उनके वापस दून पहुंचने की संभावना है। उनके साथ काम कर चुके एक अन्य संगीतकार रिद्मिस्ट ए प्लस स्टुडिया के रणजीत सिंह ने बताया कि गुंजन बेहद प्रतिभाशाली संगीतकार थे। कुछ साल पूर्व लगभग इन्ही दिनों बेहद लोकप्रिय युवा गायक पप्पू कार्की की भी सड़क दुर्घटना में दुखद मौत के बाद उत्तराखंडी गीत संगीत के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है। सोशल मीडिया पर गुंजन के आकस्मिक निधन पर शोक संदेशों की भरमार होने लगी है। अनेकों लोग इस आकस्मिक घटना पर स्तब्ध हैं।
गुंजन ने बहुत कम समय में संगीत के क्षेत्र में नाम कमा लिया था। उनका पहला एलबम नंदू मामा की स्याली काफी पॉपुलर हुआ था। धीरे-धीरे गुंजन गीत के साथ-साथ संगीत और वीडियो एलबम बनाने के लिए भी कार्य करने लगे। इन दिनों उनका गीता चैता की चैत्वाल्या संगीत ने भी बाजार में धूम मचा रखी है। पेशे से संगीतकार गुंजन ने जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी से इलेक्ट्रिकल से बीटेक भी किया था। साथ ही संगीत विशारद की भी उनके पास डिग्री थी।