हरिद्वार समाजवादी पार्टी के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। रामचरित्रमानस पर टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह मुकदमा शिवेंद्र मिश्रा की शिकायत पर दर्ज किया गया है। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ हिंदुवादी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था।
मिलि जानकारी अनुसार सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरित मानस पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है, राजनीतिक दलों के अलावा साधु-संतों द्वारा लगातार विरोध किया जा रहा है। इसी कड़ी में शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने मौर्य के बयान की जमकर निंदा की है, उन्होंने मांग की है कि सपा नेता के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया जाए।
सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा था, ”रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है. यह ‘अधर्म’ है, जो न केवल भाजपा बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है.”मौर्य ने कहा था, ‘रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में तेली और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं.”उन्होंने मांग की कि पुस्तक के ऐसे हिस्से, पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए, जो किसी की जाति या किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं.
ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ और गंवार हो, लेकिन वह ब्राह्मण है तो उसे पूजनीय बताया गया है, लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी, विद्वान हो, उसका सम्मान मत करिए. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यही धर्म है? अगर यही धर्म है तो ऐसे धर्म को मैं नमस्कार करता हूं. ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो.
डीसीपी सेंट्रल अपर्णा कौशिक ने बताया कि शिकायतकर्ता शिवेंद्र मिश्र की तहरीर पर हजरतगंज थाना में आईपीसी की धारा 153a, 295A,298, 504 505(2) में स्वामी मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है.