हरिद्वार, राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने आज कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर सबको चौका दिया. अभी तक गहलोत का नाम इस पद के लिए सबसे आगे चल रहा था. उन्होंने कहा कि राजस्थान (Rajasthan) में दो दिन पहले जो कुछ भी हुआ उसके लिए मैंने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से मांफी मांगी है. मैं राजस्थान का मुख्यमंत्री हूं इसलिए अपनी नैतिकता के आधार पर माफी मांगी है. हालांकि राजस्थान में जो कुछ भी हुआ उसमें मेरा कोई हाथ नहीं है.
मिली जानकारी अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया 24 सितंबर से आरम्भ हुई तथा 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन पत्र वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्तूबर है। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्तूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्तूबर को घोषित किए जाएंगे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सोनिया गांधी के साथ बैठक समाप्त हो गई है। बैठक के बाद उन्होंने एलान किया कि वे कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे आगे मुख्यमंत्री रहेंगे कि नहीं यह नहीं पता। उन्होंने कहा कि बीत दिन जो भी हुआ उसके लिए मैंने सोनिया जी से माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि बीते 50 साल में कांग्रेस पार्टी ने इंदिरा गांधी जी और राजीव जी के बाद सोनिया जी के समय से मैंने वफादार सिपाही के तौर पर काम किया। मुझे हमेशा बड़ी जिम्मेदारी दी गई, चाहे प्रदेशाध्यक्ष हो या केंद्रीय मंत्री हो या सोनिया जी के आशीर्वाद से तीसरी बार मुख्यमंत्री बना हूं। उसके बावजूद जो घटना दो दिन पहले हुई, उस घटना ने सबको हिलाकर रख दिया। मैंने सोनिाय जी से भी सॉरी कहा है। क्योंकि पवित्रता मारी गई है। चाहे चुनाव हो या मुख्यमंत्री का फैसला करना हो। हमारा नियम है कि हम एक लाइन का प्रस्ताव रखते हैं।
सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे अशोक गहलोत अपने साथ एक खत ले गए थे। उसमें लिखा था कि मैंने कांग्रेस अध्यक्ष से लंबी बात की। मैं एक वफादार सैनिक के तौर पर 50 साल से कांग्रेस में हूं। सीएलपी की बैठक में जो कुछ भी हुआ, उसने मुझे झकझोर कर रख दिया है। मैंने सोनिया जी से माफी मांगी है। मैं आहत हूं।