किसानों के समर्थन में बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली नहीं करने दिया पोस्टमार्टम

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किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे संत बाबा राम सिंह ने सरकार के रवैये से नाराज होकर आत्महत्या कर ली। धरने पर बैठे किसानों के आंदोलन में शामिल बाबा राम सिंह ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है।

बाबा के आत्महत्या करने के बाद उनके समर्थकों और अनुयायियों में काफी गुस्सा है। गुस्साए अनुयायियों ने बाबा के शव का पोस्टमार्टम करने से रोक दिया। बाबा राम सिंह का शव जब KCGMC पहुंचा तो अनुयायियों ने उसका पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया। अब उनके पार्थिव शरीर को नानकसर गुरुद्वारा सिंघरा ले जाया जा रहा है, जहां हजारों अनुयायी एकत्र हुए हैं।

किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे संत बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली, सुसाइड नोट में लिखी ये बात उन्होंने किसान आंदोलन की बात करते हुए किसानों के हक के लिए आवाज बुलंद की है। बता दें कि बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। बाबा राम सिंह के सेवादार गुरमीत सिंह ने घटना की पुष्टि की है। बाबा राम सिंह के न केवल हरियाणा और पंजाब में बल्कि पूरी दुनिया में लाखों की संख्या में अनुयायी हैं। बाबा राम सिंह किसानों के समर्थन में धरने पर बैठे थे। उन्होंने आत्महत्या करने से पहले एक सुसाइड नोट भी लिखा है। उन्होंने अपने सुसाइड नोट में लिखा है ‘किसानों का दुख देखा है अपने हक के लिए सड़कों पर उन्हें देखकर मुझे दुख हुआ है.. सरकार इन्हें न्याय नहीं दे रही है.. जो कि जुल्म है.. जो जुल्म करता है वह पापी है.. जुल्म सहना भी पाप है.. किसी ने किसानों के हक के लिए तो किसी ने जुल्म के खिलाफ कुछ किया है.. किसी ने पुरस्कार वापस करके अपना गुस्सा जताया है.. किसानों के हक के लिए, सरकारी जुल्म के गुस्से के बीच सेवादार आत्मदाह करता है.. यह जुल्म के खिलाफ आवाज है.. यह किसानों के हक के लिए आवाज है.. वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह..।

कुंडली बॉडर में चल रहे धरना में शामिल एक और किसान की मौत हो गई। पिछले तीन दिनों में यह तीसरी मौत है, जबकि कुंडली बॉर्डर पर चौथे किसान की मौत हुई है। इससे पहले सोमवार और मंगलवार सुबह भी एक-एक किसान की हृदयाघात से मौत हुई थी। धरनास्थल पर किसानों की मौत को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि बढ़ती ठंड के कारण बुजुर्ग किसान लगातार बीमार हो रहे हैं। वे ब्लड प्रेशर और हाइपरटेंशन के शिकार हो रहे हैं और हृदयाघात से उनकी मौत हो रही है।

कृषि कानूनों के विरोध में कुंडली बॉर्डर पर 27 नवंबर से किसान धरना दे रहे हैं। धरने में शामिल होने के लिए पटियाला के गांव सोहली निवासी 62 वर्षीय किसान पाल सिंह 13 दिसंबर को ही कुंडली पहुंचे थे। वे अपने साथियों व गांव के अन्य किसानों के साथ फिलहाल गांव रसोई से आगे जीटी रोड पर अपनी ट्रैक्टर-ट्रोली में ठहरे हुए थे। साथियों ने बताया कि मंगलवार रात को वह खाना खाने के बाद वे अपनी ट्रैक्टर-ट्राली में सो गए। बाद में जब दूसरे साथी ट्रैक्टर-ट्राली में सोने के लिए पहुंचे तो देखा कि वे बेसुध पड़े थे। उठाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। अनहोनी की आशंका के चलते उन्होंने तत्काल धरनास्थल पर मौजूद चिकित्सकों के पास ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उन्होंने इसकी सूचना थाना कुंडली पुलिस को दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर देर रात नागरिक अस्पताल में पहुंचाया।

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