हरिद्वार महाकुंभ के दौरान हुए कोरोना जांच फर्जीवाड़े में मेले से जुड़े स्वास्थ्य अधिकारियों पर जल्द ही गाज गिर सकती है। सीडीओ की जांच रिपोर्ट में मेले से जुड़े अफसरों के फैसलों पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। ऐसे में रिपोर्ट शासन को मिलने के बाद दोषियों पर कार्रवाई तय है। हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोरोना जांच में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की पुष्टि हुई थी।कुंभ कोरोना जांच घोटाले में सीडीओ की जांच रिपोर्ट को डीएम विनय शंकर पांडे जल्द स्वास्थ्य सचिव को भेजने वाले हैं। दो दिन में रिपोर्ट शासन को मिल जाएगी। सीडीओ ने 55 दिन में जांच पूरी कर 2400 पेज और 120 पेज की समरी जांच रिपोर्ट बनाई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच रिपोर्ट के खुलासे को लेकर डीएम और सीडीओ ने टिप्पणी करने से इनकार किया है। सूत्रों की मानें तो रिपोर्ट पर बीते रविवार को डीएम और सीडीओ के मध्य लंबी बातचीत हुई। इसके बाद सोमवार को डीएम ने रिपोर्ट स्वास्थ्य सचिव को भेजने की बात कही। उनका कहना है कि दो दिन में रिपोर्ट शासन को मिल जाएगी। उसके बाद शासन स्तर से ही कार्रवाई होनी है।
सचिव स्वास्थ्य के मुताबिक, अभी जांच रिपोर्ट नहीं देखी है लेकिन जल्द से जल्द इसका अध्ययन करके कोरोना टेस्टिंग से जुड़े सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। आरोपों की गंभीरता के हिसाब से एक्शन होगा। सूत्रों का कहना है कि शासन इस मामले में निलंबन की कार्रवाई भी कर सकता है। जिलाधिकारी से आज ही रिपोर्ट प्राप्त हुई है। अभी मैंने रिपोर्ट नहीं देखी है। रिपोर्ट में हम यही देखेंगे कि सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों की क्या भूमिका रही। रिपोर्ट में उनके मामले में तथ्यों की गंभीरता के हिसाब से दंड तय होगा। कार्रवाई के लिए पूरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी। आरोपियों को आरोप पत्र जारी होंगे। आरोपपत्र की जांच के लिए एक जांच अधिकारी तैनात होगा और उसकी रिपोर्ट आधार पर अंतिम कार्रवाई होगी।