हरिद्वार, उधमसिंह नगर पुलिस ने छात्रवृत्ति घोटाले के मुख्य सूत्रधार तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को गिरफ्तार कर लिया है। एसआईटी से जुड़े 55 मुकदमों में अनुराग शंखधर का नाम है। समाज अनुराग शंखधर पर छात्रवृत्ति घोटाले में करोड़ों रुपये गबन का आरोप है। अनुराग शंखधर पूर्व में भी हरिद्वार से गिरफ्तार किए गए थे, बाद में जमानत पर रिहा हो गए थे। शंखधर के खिलाफ हरिद्वार और उधमसिंह नगर में अनेक मुकदमे दर्ज हैं। वही समाज कल्याण विभाग ने अनुराग शंखधर को निलंबित किया हुआ है। आरोपी को नई दिल्ली से गिरफ्तार कर देहरादून कोर्ट में पेश किया जा रहा है। अनुराग शंखधर उप परियोजना निदेशक के पद पर तैनात थे।एसआइटी प्रभारी मंजुनाथ टीसी ने बताया कि जिला हरिद्वार और देहरादून में कुछ शैक्षणिक संस्थानों की ओर से अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति के नाम पर कई संस्थानों समाज कल्याण विभाग से करोड़ों रुपये की धनराशि वसूल ली। एसआइटी ने हरिद्वार और देहरादून जिले के 135 शैक्षणिक संस्थानों की जांच की थी।उन्होंने बताया कि आरोपित को अपना पक्ष रखने के लिए कई बार नोटिस दिए गए, लेकिन वह एसआइटी के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार छिपता रहा। शंखधर की गिरफ्तारी के लिए चार सदस्यीय विशेष टीम गठित की गई थी।इससे पहले घोटाले में एसआईटी ने देहरादून के पूर्व समाज कल्याण अधिकारी रामवतार को गिरफ्तार किया था। रामवतार सिंह के खिलाफ डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने पद पर रहते हुए सहारनपुर के एक इंस्टीट्यूट को फर्जी तरीके से करीब 27 लाख रुपये की छात्रवृत्ति जारी की। इस छात्रवृत्ति की इंस्टीट्यूट के मालिकों और अधिकारियों ने बंदरबांट कर ली।