हरिद्वार, भारत आज इतिहास रचने वाला है आज संपूर्ण भारतवासियों की नजर अब शाम 6:04 पर टिकी हुई है चंद्रयान-3 की आज चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग होगी।ऐसा होने पर भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। चंद्रयान-3 की लैंडिंग को इसरो की वेबसाइट या यूट्यूब चैनल के साथ डीडी नेशनल लाइव देखा जा सकता है।
मिलि जानकारी अनुसार चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग के लिए देशभर में लोग अपने-अपने तरीके प्रार्थना और दुआ कर रहे हैं। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, चर्च, दरगाह सभी जगह लोग चंद्रयान 3 मिशन की सफलता के लिए मन्नत मांग रहे हैं।
चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए मध्य प्रदेश के उज्जैन में श्री महाकालेश्वर मंदिर में सुबह-सुबह खास ‘भस्म आरती’ की गई।
लखनऊ में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नमाज पढ़कर चंद्रयान-3 की कामयाबी के लिए दुआ मांगी। इसरो ने ट्वीट कर रहा है कि चंद्रयान-3 अपने मिशन पर तय समय पर है और इसकी नियमित जांच की जा रही है। साथ ही इसरो ने कहा कि एमओएक्स (MOX) ऊर्जा और उत्साह से भरपूर है। इसका सीधा प्रसारण 23 अगस्त 2023 को शाम 5 बजकर 20 मिनट से शुरू होगा।
ISRO के पूर्व निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मुझे ISRO के वैज्ञानिकों की तरह ही विश्वास है कि हम बहुत बेहतर करेंगे क्योंकि चंद्रयान 2 की तुलना में बहुत सारे बदलाव किए गए हैं… बहुत सारे एल्गोरिदम बदले गए हैं… पूर्ण अंशांकन किया गया है। लैंडर में घूमने की क्षमता है। लैंडिंग क्षेत्र को 2.5 किमी से बढ़ाकर 4 किमी कर दिया गया है।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग से पहले महाराष्ट्र के नागपुर में भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी नर्तक पूजा हिरवाडे ने ‘नमो नमो भारताम्बे’ और चंद्रयान गान पर भरतनाट्यम प्रस्तुत किया। उन्होंने अपनी पेशकश को लेकर कहा कि भारत का चंद्रयान-3 आज चंद्रमा पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसलिए इस पल को यादगार बनाने के लिए मैंने चंद्रयान एंथम पर भरतनाट्यम किया। यह संपूर्ण भारत के लिए गौरवपूर्ण एवं ऐतिहासिक क्षण है। हम उन सभी वैज्ञानिकों का हृदय से आभार व्यक्त करना चाहते हैं जिनकी कड़ी मेहनत से आज यह संभव हो पाया है।
भारत ने 14 जुलाई को लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम3) रॉकेट के जरिए 600 करोड़ रुपये की लागत वाले अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण किया था। इसके तहत चंद्रयान 41 दिन की अपनी यात्रा में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा। यहां अभी तक कोई भी देश नहीं पहुंच पाए हैं।