हरिद्वार,मध्यप्रदेश के मझगवां से 17 किमी दूर कुल्हेरा मे धर्म संस्थापक संघ द्वारा दिनाँक 1 से 7 जनवरी को देवनगर मे देवसभ्यता का सातवां स्थापना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया ।
देवनगर में देवसभ्यता एवं न्यायनगर मे मानव सभ्यता स्थापित की जा रही है । बताते चलें कि यह स्थान भारत के सबसे गरीब स्थानों में से एक है । अब इस स्थान का विकाश हो रहा है दूर दूर से लोग यहाँ आकर देवसभ्यता को लेकर हर्षित हो रहे हैं ।
धर्म संस्थापक संघ के संस्थापक श्री अरविंद अंकुर जी ने बताया कि देवसभ्यता एक चिर पुरातन सभ्यता है। जो एक पारिवारिक व्यवस्था है।
4 हजार साल पहले यह भारत के एक कश्मीर क्षेत्र में मौजूद थी अब इसे पुनः प्रतिष्ठित किया जा रहा है ।
अब पूरे भारत में इसके प्रशिक्षण केंद्र विकसित किए जा रहे हैं। हर प्रदेश में इसके बाद स्वतः राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित होगी ।
सतोगुण बढने पर ही लोग डिवाइन हो जाते हैं , दिव्य हो जाते हैं उन्हें ही देव नगर की प्राप्ति का अधिकार होता है।
कोई भी लोग इसका सदस्य बन सकते हैं यह उनकी निश्चिंत जीवन शैली होती है यहां सामूहिक एकीकृत व्यवस्था होती है। यहाँ एक सामूहिक पद्धति है जिसमें हजारों लोग प्रेम से एक ही किचन में प्रेम पूर्वक खाना खाते हैं ।
कोई भी व्यक्ति इसकी सदस्यता ग्रहण कर सकता है अपना गुणात्मक उत्थान करके। सात्विक गुणों और व्यक्तित्व का विकाश करके कोई भी व्यक्ति इसे जॉइन कर सकता है ।
उत्तरप्रदेश,मध्यप्रदेश,उत्तराखंड,झारखण्ड,विहार,छत्तीसगढ़,महाराष्ट्र तथा बंगाल राज्य से पधारे लोगों का देवनगर प्रभारी सम्यक जी ने स्वागत किया। कार्यक्रम की जानकारी राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी चन्द्रसेन शर्मा जी द्वारा दी गयी।