सहारनपुर। श्री आशुतोष रामलीला समिति द्वारा आयोजित 14 वां श्री राम लीला व दशहरा महोत्सव की लीला में रावण-अंगद संवाद लीला का सुंदर मंचन हुआ। हनुमान जी का लंका दहन के बाद वापिस आना एवं सीता माता द्वारा दी गई अपनी निशानी चूड़ा मणि प्रभु राम जी को देना,समुन्द्र के किनारे प्रभु श्री राम व लक्ष्मण द्वारा शिव लिंग की स्थापना व पूजन,समुन्द्र द्वारा मार्ग न दिए जाने से श्री राम जी का क्रोधित होना व तीर द्वारा समुन्द्र सुखाने को कहना,समुन्द्र देवता का प्रकट होना व नल व नील के बारे में बताना,नल नील द्वारा पत्थरों पर प्रभु श्री राम का नाम लिख सेतू का निर्माण,सेना द्वारा समुन्द्र पार करना,बिभीषन को रावण द्वारा लात मारकर लंका से निकलना,प्रभु श्री राम की शरण में आना व प्रभु द्वारा विभीषण को लंका का राजा घोषित करना ,श्री राम जी द्वारा अंगद को रावण के दरबार मे भेजना,अंगद का पैर जमाना रावण को प्रभु की शरण मे आने को कहना,रावण की युद्ध की घोषणा आदि लीलाओं का सुंदर दृश्यांकन हुआ। प्रभु राम के रूप में दिनेश सक्सेना,लक्ष्मण के रूप में गौरव चानना,हनुमान जी के रूप में तरुण अरोड़ा,रावण के रूप में मनोज शर्मा,सुग्रीव के रूप में सन्नी भाटिया,विभीषण के रूप में शिवम कक्कड़,अंगद के रूप में ईश सलूजा,मेघनाथ के रूप अभिषेक का सुंदर अभिनय रहा। निर्देशन जय कालरा एवं राजेंद्र यादव ने किया।
कार्यक्रम में बच्चों के लिए रामलीला से सम्बंधित प्रश्न मंच का भी आयोजन किया गया।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष गौरव चौधरी,महामंत्री राकेश छाबड़ा,मोहित छाबड़ा कोषाध्यक्ष गौरव पुरी,मुख्य संयोजक संजय भसीन, प्रबन्धक विनय दुग्गल, दशहरा प्रधान नरेश कुमार,प्रभु राम के सारथी संजीव टंडन, स्वागताध्यक्ष डॉ0 एम0पी0 सिंह चावला,श्री राम लीला प्रबन्धक अमित वत्ता व विजय कुमार राकेश राणा,योगेश टंडन,अमन भाटिया, राघव सेठ,राजा छाबड़ा,दीक्षित छाबड़ा,मनीष कालरा,संजय आनन्द,आनन्द भाटिया,राजेन्द्र महेंद्रा,शिवम महेंद्रा,गौरव चौहान कुमार,विकास कुमार,सन्नी शर्मा,लकी भण्डारी,सिद्धार्थ पुरी, शिवम ग्रोवर व अन्य अतिथि उपस्थित रहे। संचालन रवि बक्शी एवं अमित वत्ता ने किया।
रिपोर्ट। रमन गुप्ता