हरिद्वार, आज शांतिकुंज में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने 120 फीट तिरंगे को आन बान वे शान का प्रतीक बताया है उन्होंने कहा है किराष्ट्र ध्वज देशभक्ति, राष्ट्रीयता के साथ हम सभी भारतीय को एक डोर में बांधे हुए है। हम अपना सब कुछ राष्ट्र, समाज, संस्कृत और संस्कृति के लिए समर्पित कर दें। हम सबके लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की सुरक्षा में प्राणों की आहुति हो जाए, तो यह गर्व की बात है। हर सैनिक की अंतिम अभिलाषा होती है कि जब प्राण तन से निकले तो शरीर तिरंगा में लिपटा हो।
राज्यपाल ने अपना संबोधन ओम के उच्चारण के साथ प्रारंभ किया और समापन भी। इससे पहले उन्होंने शांतिकुंज में स्थापित 120 फीट ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का लोकार्पण किया। तथा देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिसर में स्थित शौर्य दीवार में पुष्पचक्र अर्पित कर वीर सपूतों को श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल ने कहा कि गायत्री मंत्र हमें अपने अंतर आत्मा से जोड़ता है। शांतिकुंज एवं देसंविवि आकर उन्हें गहरी शांति का अनुभव हो रहा है। राज्यपाल ने कहा कि देसंविवि ऋषि परंम्परा का निर्वहन कर रही है जो भारतीय संस्कृति के गौरव गाथा, शौर्य, पराक्रम, साहस, समरसता की प्रेरणा को जन-जन तक पहुंचाने में जुटा है।
उन्होंने कहा कि आजादी के मतवाले श्रीराम शर्मा एक प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी रहे। तिरंगे की आन-बान-शान के लिए अंग्रेजों से लड़े। उन्होंने कहा कि मेरे शरीर के रक्त का एक-एक बूंद राष्ट्र के लिए समर्पित है। इस दौरान डॉ. पंड्या ने राज्यपाल को विवि का प्रतीक चिह्न, गायत्री महामंत्र की चादर और युग साहित्य भेंटकर सम्मानित किया। इससे पहले देव संस्कृति विवि के प्रति कुलपति डॉ. चिन्मय पंड्या ने कार्यक्रम की विस्तार से जानकारी दी। राज्यपाल और कुलाधिपति ने विवि के ई न्यूज लेटर रेनासा के नवीनतम अंक का विमोचन किया। इस अवसर पर कुलपति शरद पारधी, कुलसचिव बलदाऊ देवांगन सहित प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे