हरिद्वार, शिक्षा विभाग ने जारी की गाइडलाइन बच्चों में तेजी से फैल रहा आई फ्लू

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हरिद्वार, आजकल छोटे बच्चों में आई फ्लू तेजी से बढ़ रहा है जिसके चलते शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी कर दी है जिस बच्चे मे आई फ्लू है उन बच्चों को अविभावक स्कूल ना भेजें दो से तीन दिन मे ठीक हो जाता है आई फ्लू अगर ऐसे में कोई बच्चा स्कूल आ जाता है तो उसके परिजनों को बुलाकर उसे वापस घर भेज दे बीमारी मानसून के मौसम एवं जलवायु परिवर्तन के कारण उत्पन्न होती है। आंखों में लालपन, सूजन, लिड्स में सूजन और खुजली इस संक्रमण के प्रमुख लक्षण है। आंखों में पीलापन और पानी बहना भी इसके लक्षण के रूप में देखे जा रहे हैं। इस दौरान बच्चों में आंखों के संक्रमण के साथ बुखार भी आ सकता है।

मिलि जानकारी अनुसार अस्पतालों में इस समय नेत्र ओपीडी मे जाने वाले मरीजों में सबसे ज्यादा मरीज बच्चे है जो आई फ्लू से ग्रस्त है इस संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता ने बताया कि अभिभावकों से अपील की गई है कि जिन बच्चों को आई फ्लू हो गया है, उनको दो-तीन दिन स्कूल न भेजें। प्रार्थना सभा में भी बच्चे इस बात का ध्यान रखें। आई फ्लू से बचाव ही उपचार है।

वहीं, सीएमओ डा. मनीष दत्त ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से आई फ्लू के मामले जिले में बढ़े हैं। उन्होंने बताया कि यदि बच्चों को आई फ्लू है, तो उनको स्कूल न भेजें। इसके अलावा आंख साफ करने के लिए सूती कपड़े या टिशू पेपर का इस्तेमाल किया जाए। साथ ही आई फ्लू से पीड़ित व्यक्ति से दूरी बनाएं।

इंफेक्शन के खतरे के बीच बच्चों के हाथों के साथ सफाई का पूरा ध्यान रखें.अगर आपका बच्चा बाहर खेल कर आया है या स्कूल से घर लौटा है तो सबसे पहले उनके हाथों को साबुन या हैंड वॉश से रगड़ कर धुलाएं.हर थोड़ी देर पर उन्हें हाथों को सैनिटाइज करने की सलाह दें. इससे इंफेक्शन से बचा जा सकता है.2.अपने बच्चे को समझाएं कि इन दिनों आई फ्लू तेजी से फैल रहा है. ऐसे में अगर वो आंखों को छुएंगे तो उनके लिए नुकसानदायक हो सकता है. अपने बच्चे को बताएं कि हाथों में जर्म्स और बैक्टीरिया होता है. अगर गंदे हाथों से आंखों को बार-बार छुआ जाए तो इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता.3.बच्चे के खानपान का पूरा ध्यान रखें. उन्हें संतुलित आहार दें. हरी सब्जियां,संतरे जैसे हेल्दी फूड को डाइट में शामिल करें.4.अगर आपके घर में किसी को आई फ्लू हो गया है तो बच्चे को संक्रमित व्यक्ति से दूर रखने की कोशिश करें. संक्रमित व्यक्ति और उनके पर्सनल सामान को छूने से मना करें. बच्चे को संक्रमित व्यक्ति के आसपास ना जाने दें.

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