हरिद्वार,हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की घटनाओं के कारण भारी नुकसान हुआ है। कुल्लू और कांगड़ा जिलों में पांच जगहों पर बादल फटने से आई बाढ़ में दो लोगों की मौत हो गई है और 11 लोग लापता हैं। कई गाड़ियां, पुल और एक बिजली परियोजना को भी नुकसान पहुंचा है।
लाहौल की मयाड़ घाटी में करपट गांव को खाली करवाकर 22 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। किन्नौर के पूह में बादल फटने से होजो नाले में आई बाढ़ में आईटीबीपी कैंप के लिए ऋषि डोगरी सड़क निर्माण में लगी कंपनी की मशीनरी बह गई। कंपनी के पांच कर्मचारी भी फंस गए हैं, उन्हें रेस्क्यू किया जा रहा है। पांच जगह बादल फटने के साथ ही बुधवार को शिमला समेत प्रदेश के कई इलाकों में झमाझम बादल बरसे।
भारी-बारिश और भूस्खलन के चलते प्रदेश में दो नेशनल हाईवे समेत 323 सड़कें बंद हो गई हैं। इसके साथ ही 70 बिजली के ट्रांसफार्मर और 130 पेयजल योजनाएं ठप हो गई हैं। कई इलाकों में बिजली गुल होने के साथ पेयजल संकट हो गया है। निरमंड विकास खंड के तहत बुधवार शाम करीब 5 बजे श्रीखंड और रामपुर उपमंडल के नंती क्षेत्र में बादल फटे। इससे कुर्पण और गानवी खड्ड में बाढ़ आ गई। गानवी खड्ड में पानी बढ़ने से पुल क्षतिग्रस्त हो गया। खड्ड के साथ लगते घरों को खाली करवा दिया गया है। ग्रीनको कंपनी के इनटेक को भी नुकसान हुआ है। अभी तक इन क्षेत्रों में कोई जानी नुकसान की सूचना नहीं है।कुल्लू जिले के बंजार की तीर्थन घाटी के बठाहड़ क्षेत्र में मशियार पंचायत के मझल्ली गांव के पास बादल फटा। इससे फलाचन खड्ड में बाढ़ आ गई। इससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। यहां दो पुल टूटे हैं। मयाड़ घाटी में बादल फटने से करपट, छिंगुट और उदगोसे गांव प्रभावित हुए हैं। लोगों की जमीनें पानी के सैलाब में बह गईं हैं। प्रशासन ने प्रभावितों को राहत सामग्री के तौर पर हर परिवार को 10,000 रुपये की अंतरिम सहायता दी है। मयाड़ घाटी में मंगलवार रात को आई बाढ़ से भी जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। करपट गांव को प्रशासन ने खाली करवाकर सभी 22 प्रभावित परिवार सुरक्षित स्थान पर ठहरा दिए हैं। हालांकि मंगलवार की रात ग्रामीणों को टेंट में ही काटनी पड़ी।