हरिद्वार,उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने की दिशा में बड़ी प्रगति देखने को मिल रही है. पहली बार 21 जनवरी को प्रदेशभर में UCC वेबपोर्टल पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा. यह कदम सरकार के अभ्यास का हिस्सा है, जिसके जरिये UCC को लागू करने की तैयारियों को परखा जाएगा. इससे पहले, 20 जनवरी को प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में UCC नियमावली को प्रस्तावित किया जाएगा.
मॉक ड्रिल में यूसीसी का प्रशिक्षण ले रहे रजिस्ट्रार, सब रजिस्ट्रार और अन्य अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में यूसीसी पोर्टल पर लॉगइन करेंगे। उसके जरिये विवाह, तलाक, लिव इन रिलेशन, वसीयत आदि सेवाओं के पंजीकरण का अभ्यास करेंगे। सुनिश्चित करेंगे कि यूसीसी लागू होने के बाद आम लोगों को उससे संबंधित सेवाएं मिलने में कोई तकनीकी बाधा तो नहीं आएगी।
मॉक ड्रिल से सरकार, विशेष समिति और प्रशिक्षण टीम अपनी-अपनी तैयारियों को परख सकेंगी। प्रशिक्षण समिति ने 9 जनवरी से सभी जनपद और ब्लॉक में विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया था, जो शनिवार को समाप्त हो गया, अब सिर्फ एक ब्लॉक बचा है, जिसमें 20 जनवरी को प्रशिक्षण दिया जाएगा। अभ्यास कार्यक्रम के दौरान विभिन्न ब्लॉक में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में रजिस्ट्रार और सब-रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों व कर्मियों को यूसीसी वेबपोर्टल पर लॉगइन करवाकर नए कानून की जानकारी और वेबपोर्टल के उपयोग का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।
तैयारियों से लग रहा है कि यूसीसी जल्द प्रदेश में लागू होगा। 20 जनवरी को कैबिनेट बुलाई जा रही है, जिसमें यूसीसी नियमावली को रखा जाएगा। कैबिनेट की मोहर लगने के बाद अधिसूचना जारी होनी बाकी रह जाएगी। इसलिए 21 जनवरी को वेबपोर्टल पर लाइव मॉक ड्रिल की जा रही है।
पूरे प्रदेश में यूसीसी का प्रशिक्षण कार्यक्रम लगभग पूरा हो चुका है, एक अंतिम ब्लॉक में 20 जनवरी को प्रशिक्षण दिया जाएगा। लाइव प्रशिक्षण कार्यक्रम के चलते अधिकारियों और कर्मियों में यूसीसी पोर्टल के प्रति खासा उत्साह देखने को मिला है। हम अपनी तैयारियों को परखने के लिए प्रदेश भर में 21 जनवरी को यूसीसी के वेब पोर्टल पर मॉक ड्रिल करने जा रहे हैं।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का मतलब है कि देश में रहने वाले सभी नागरिकों (हर धर्म, जाति, लिंग के लोग) के लिए एक ही कानून होना. अगर किसी राज्य में सिविल कोड लागू होता है तो विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे तमाम विषयों में हर नागरिकों के लिए एक से कानून होगा. संविधान के चौथे भाग में राज्य के नीति निदेशक तत्व का विस्तृत ब्यौरा है जिसके अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना सरकार का दायित्व है.