हरिद्वार,देश के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े बैंक फ्रॉड केस में सीबीआई ने देश की जानी मानी शिप कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड और उनके निदेशकों पर कथित तौर पर 28 बैंकों से 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगा है. केंद्रीय जांच ब्यूरो का कहना है कि एबीजी शिपयार्ड और उनके डायरेक्टर्स ऋषि अग्रवाल, संथनम मुथुस्वामी और अश्विनी अग्रवाल ने बैंकों से 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी की है. एबीजी शिपयार्ड और उसकी फ्लैगशिप कंपनी जहाजों के निर्माण और उनकी मरम्मत का कारोबार करती है
मिली जानकारी अनुसार केंद्रीय भ्रष्टाचार विरोधी जांच एजेंसी ने धोखाधड़ी के इस केस में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष और सह-प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल, कार्यकारी निदेशक संथानम मुथास्वामी और तीन अन्य निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवेतिया को आरोपी बनाया है। ये मुकदमा 7 फरवरी को आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दायर किया गया था।
एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ भी कथित रूप से आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया। उन्होंने बताया कि इन लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा किया गया है। बैंकों के संघ ने सबसे पहले आठ नवंबर 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था।
बैंकों के संघ ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज की और डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद सीबीआई ने इस पर कार्रवाई की। अधिकारी ने कहा कि कंपनी को एसबीआई के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें धन का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है। यह सीबीआई द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है।