हरिद्वार , उत्तराखंड में लगातार फर्जीबाड़े का खेल जारी है हर कोई व्यक्ति पैसे के लिए दौड़ता नजर आ रहा है फर्जीवाड़े के मामले पहले भी कई लोगों पर मुकदमे दर्ज जो चुके हैं जो फर्जीवाड़े में जेल जा चुके हैं लेकिन अभी भी अपराधियों के हौसले बुलंद हैं वही हरिद्वार में नंदा गौरा योजना को लेकर 193 अभिभावकों ने फर्जी आय प्रमाण पत्र जमा किए हैं जिसको लेकर थाना सिडकुल में मुकदमा दर्ज कराया गया था वही अब पुलिस ने इस मामले की छानबीन शुरू कर दी है
मिली जानकारी अनुसार उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गयी योजना मे इस स्कीम के माध्यम से राज्य सरकार प्रदेश की गरीब कन्याओं के उज्जवल भविष्य के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस का लाभ राज्य में सभी गरीब या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग / परिवार की कन्याएं उठा सकती है। इस स्कीम के तहत राज्य सरकार द्वारा सभी पात्र कन्याओं के परिवार को 51000 रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही बालिका के जन्म के समय 11000 रूपए भी माता पिता को प्रदान किये जाएंगे। ये सहायता राशि कन्या के जन्म से लेकर उस के इंटर पास करने तक किश्तों में प्रदान की जाएगी।
हरिद्वार जिले में वित्तीय वर्ष 2022-23 में नंदा गौरा योजना का लाभ लेने के लिए आय प्रमाण पत्रों से छेड़छाड़ कर फर्जीवाड़ा करने का मामला सामने आया था। इसमें वित्तीय वर्ष 2022-23 में जन्म के आधार पर योजना का लाभ प्राप्त करने वाले कुल 1328 आवेदनों में से 70 एवं 12वीं पास के आधार पर लाभ लेने के लिए कुल 4174 आवेदनों में से 123 कुल 193 आवेदनों में आय प्रमाण पत्रों से छेड़छाड़ की गई। प्रमाण पत्रों में की गई छेड़छाड़ पर मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार इन आवेदनों को रद्द कर चुके हैं।
जिला कार्यक्रम अधिकारी सुलेखा सहगल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को एक शिकायती पत्र देकर बताया कि जनपद में नंदा गौरा योजना के तहत किए गए आवेदनों में 193 आवेदकों के आय प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं। यह आवेदन जिले के सभी 6 ब्लॉक में किए गए थे।
फर्जीवाड़ा सामने आने पर जिलाधिकारी को पूरे मामले की जानकारी दी गई। जिलाधिकारी ने एफआइआर कराने के निर्देश दिए थे। शिकायत पर सिडकुल थाने में 193 आवेदकों के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस्पेक्टर सिडकुल रमेश तनवार ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है।