हरिद्वार, उत्तर प्रदेश में बिजली हड़ताल को लेकर चारों ओर अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा था हर कोई परेशान था तपती धूप से परेशान होकर हर कोई पंखे की हवा खाने के लिए घर पहुंचते हैं लेकिन बिजली ना होने की वजह से और परेशान हो जाते हैं विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति ने 16 मार्च की रात से 72 घंटे की हड़ताल का एलान किया था वहीं, सरकार ने भी सख्त रुख अपनाया है। वही समिति ने कार्य बहिष्कार शुरू कर दिया था वही आज यूपी में बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी है। कर्मचारियों ने ऊर्जा मंत्री के साथ बैठक खत्म होने के बाद यह निर्णय लिया।
मिली जानकारी अनुसार ऊर्जा मंत्री एके शर्मा एवं चेयरमैन एम देवराज से वार्ता होने के बाद रविवार दोपहर संघर्ष समिति हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी है। संघर्ष समिति और कारपोरेशन सोमवार को हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखेगा। हड़ताल खत्म होने की घोषणा के बाद ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि सरकार की ओर से कर्मचारियों की सभी मांगों पर सकारात्मक तरीके से विचार किया जा रहा है
सरकार पहले भी वार्ता के लिए तैयार थी लेकिन बिजली विभाग कर्मचारियों और सरकार के बीच बातचीत नहीं बनी जिसके चलते कई लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा हड़ताल से बिजली आपूर्ति में बाधा पहुंचने के कारण प्रदेश में पावर कॉरपोरेशन ने 16 अधिशाषी अभियंता, अवर अभियंता और एसडीओ को निलंबित कर दिया था और तीन हजार से ज्यादा संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया था। 22 कर्मचारी नेता समेत कुल 29 के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
सभी कर्मचारियों से अपील है कि तत्काल काम पर लौट जाएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि कर्मचारियों पर हुई कार्यवाही को विधिक तरीके से वापस लिया जाएगा। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि हम किसी भी कीमत पर उपभोक्ताओं को नुकसान नहीं देना चाहते हैं। कर्मचारी हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे अभी समझौते को लागू करने का आश्वासन दिया गया है। इस वजह से हड़ताल वापस ले रहे हैं।