हरिद्वार, गांव-गांव में झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है। चाय की गुमटियों जैसी दुकानाें में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। मरीज चाहे उल्टी, दस्त, खांसी, बुखार से पीड़ित हो या फिर अन्य कोई बीमारी से। सभी बीमारियों का इलाज यह झोलाछाप डॉक्टर करने को तैयार हो जाते हैं। खास बात यह है कि अधिकतर झोलाछाप डॉक्टरों की उम्र 15 से 25 साल के बीच होती है वही ऐसा ही एक मामला हरिद्वार, के कोतवाली ज्वालापुर क्षेत्र के गांधी मार्किट से सामने आया है जहां पर रजनी मेडीकल एजेंसी के नाम से फार्म है जिसमे डाक्टर कपिल कपिल ने अपना क्लिनिक खोल रखा है वही काफी समय से मरीजों का इलाज किया जा रहा है जबकि देखा जाए तो मेडिकल स्टोर या बिना डिग्री के कोई व्यक्ति किसी भी मरीज का इलाज नहीं कर सकता और ना ही भर्ती कर सकता लेकिन उसके बावजूद भी कुछ मेडिकल स्टोर वाले मरीजो को भर्ती तक कर लेते है और उनसे समय समय पर अच्छी मोटी रकम लूट लेते हैं इस प्रकार झोलाछाप डॉक्टर की वजह से कई मरीजों ने अभी जान गवा दी है
मिलि जानकारी अनुसार ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के गांधी मार्किट में रजनी मेडिकल एजेंसी के नाम पर एक फार्म है जो काफी लंबे समय से दवाई होल सैल का काम करते हैं वही उनके भाई डॉक्टर कपिल भी अपना क्लिनिक चलाते हैं इस दौरान कुछ लोगो ने उन पर गम्भीर आरोप लगाया है डाक्टर कपिल की गलत दवाई चलाने से एक 43 वर्षीय महिला ने अपना दम तोड दिया जिसके बाद परीजनो ने आज उनकी एजेंसी पर पहुंचकर हंगामा कर दिया
परिजनों का आरोप है की उनकी बेटी को नामुनिया था और डॉक्टर कपिल ने टेस्ट कराया जिसमे उनकी रिपोर्ट मे प्लेटलेट्स कम होने के कारण डेंगू की दवाई चलाते रहे जिसके कारण महीला की स्थिति खराब हो गई जिसके बाद परिजन महीला को भूमानंद अस्पताल ले कर गए जहां महीला को एक दिन रखा गया जिसके बाद वहां से उन्हे मेरठ अस्पताल रैफर कर दिया गया जिसके बाद महीला की मौत हो गई