हरिद्वार,उत्तराखंड के पिरान कलियर शरीफ में हजरत साबिर मखदूम शाह के 755 वें उर्स में पाकिस्तान व अन्य देशों से आने वाली जायरीनों को गंगाजल और गीता भेंट की जाएगी। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चैयरमेन शादाब शम्स ने ये जानकारी देते हुए बताया कि पिरान कलियर शरीफ में हजरत साबिर मखदूम शाह का 755 वां उर्स शुरू हो गया है, इसमें हर साल यहां लाखों की तादाद में जायरीन आते है। वही आज सुबह लौहोरी एक्सप्रैस से पाकिस्तान के 107 जायरीन रुड़की स्टेशन पहुंचे जहां भारी पुलिस बल के साथ बस में बिठाकर सभी जायरीनों को कलियर शरीफ सुरक्षित लाया गया वही सभी लोगों का फूलमाला पहनकर स्वागत किया गया वही इन लोगों के बीच में दो दूतावास भी शामिल है दो अक्टूबर को सभी लोगों अपने वतन वापसी होंगे
शादाब शम्स ने कहा है कि हम उर्स के मौके पर पाकिस्तान से आने वाले तमाम पाकिस्तानियों को गीता और गंगाजल देंगे, ताकि वह इसे ले जाकर अपने देश के मंदिरों में दे सकें. इससे उनका अपने देश के मंदिरों के प्रति जुड़ाव बढ़ेगा. हम वसुदेव कुटुंबकम की परंपरा को मानने वाले लोग हैं. हम चाहते हैं कि सारी दुनिया एक हो और इसी क्रम में हम लोगों ने यह फैसला लिया है कि इस बार पाकिस्तान से आने वाले तमाम पाकिस्तानी लोगों को उर्स के मौके पर गंगाजल और गीता दी जाएगी.
तेरहवीं सदी के चिश्ती परंपरा के सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद या साबिर पाक को हिंदू और मुसलमान समान रूप से मानते हैं। उनकी दरगाह रूड़की क्षेत्र में गंगा किनारे कलियर गांव में स्थित है।
इस दरगाह की मान्यता न केवल देश बल्कि दुनिया के कई देशों में है. यहां पर हर साल दुनिया के कई मुल्कों से लोग आते हैं. इसी क्रम में पाकिस्तान से हर साल सैकड़ों लोग इस दरगाह पर उर्स के मौके पर अपनी आस्था के कारण पहुंचते हैं. लेकिन इस बार उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने एक अजीब घोषणा की है. उनका कहना है कि इस बार यहां आने वाले तमाम पाकिस्तानियों को गीता और गंगाजल दिया जाएगा ताकि वह जाकर अपने देश में इसे अपने देश के मंदिरों में दान कर सकें. इससे उनके और उनके इलाकों के मंदिरों के बीच एक रिश्ता जुड़ेगा और एक नई शुरुआत होगी.