हरिद्वार, आजकल उत्तराखंड में फर्जी मामले लगातार बढ़ते जा रहे है जमीनों से लेकर बैंकों तक कई मामले फर्जीवाड़ा के सामने आ चुके हैं जिसके चलते ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र के ईदगाह कमेटी के कोषाध्यक्ष ने साथियों संग फर्जी दस्तावेज तैयार कर वक्फ बोर्ड की संपत्ति को एक स्वास्थ्य कर्मचारी को बेच दिया। आरोप है कि धोखाधड़ी का पता चलने पर कर्मचारी की सदमे से मौत हो गई। पुलिस ने कर्मचारी की पत्नी की तहरीर पर तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
मिलि जानकारी अनुसार पुलिस के अनुसार, फातिमा पत्नी स्वर्गीय इंतजार अहमद निवासी मोहल्ला लोधामंडी ने तहरीर में बताया कि पति की नौकरी हरिद्वार के सीएमओ कार्यालय में लगने के बाद वह यूपी के शामिली के कैराना से यहां आकर ज्वालापुर में लोधामंडी में शाहिद हुसैन के यहां किराये पर रहने लगे। पति मकान की तलाश में थे। इसी बीच शाहिद हुसैन ने अपने चाचा ईदगाह कमेटी के कोषाध्यक्ष मोहम्मद शमीम उर्फ छम्मा ठेकेदार से मिलवाया।
आरोप लगाया, शमीम ने साजिश कर पूर्व में तैयार फर्जी कागज उसके पति को दिखाते हुए 30 जुलाई 2005 को प्लाट का बैनामा 2.40 लाख में कर दिया। सात फरवरी 2022 को पति के नाम वक्फ बोर्ड देहरादून से नोटिस आया। तब पता चला कि शमीम अहमद और शाहिद ने वक्फ बोर्ड के सीईओ के नाम से कूटरचित पत्र तैयार कर वक्फ की संपत्ति का बैनामा किया है।
पहले मस्जिद को दान की गई थी जमीन
निजी संपत्ति बताते हुए उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की संपत्ति संख्या 619 लोधामंडी को 1963 में बंदू ने मस्जिद को दान दी थी। दूसरे ने संपत्ति को 1968 में आगे बेंच दिया। फिर यह संपत्ति शमीम अहमद को नौ जनवरी 1984 को बेच दी, तभी से वक्फ की संपत्ति को ठिकाने लगाया जा रहा है। आरोप है कि धोखाधड़ी का पता चलने पर सदमे में 10 फरवरी 2022 को इंतजार अहमद की मौत हो गई।
आरोपी शमीम अहमद, शाहिद हुसैन व एक अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।